बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हमेशा ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर रट लगाये रहते हैं। दोनों ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की थी। वहीं देश का बजट पेश किए जाने के बाद भी दोनों ने एक सुर से विशेष राज्य का राग अलापा था। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से नीतीश-तेजस्वी के अरमानों पर पानी फेर दिया गया है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने साफ कहा है कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देगी।
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वित्त मंत्री के बयान से गरमाई सियासत
दरअसल बिहार और उड़ीसा दो ऐसे राज्य हैं जहां की सरकार गरीबी का हवाला देकर लगातार केंद्र सरकर से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है। बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ओडिशा के भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने एक बड़ी बात कही। निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार नहीं करेगी। उनके इस बयान से बिहार की सियासत भी गरमा गई। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने वित्त मंत्री के बयानों का समर्थन करते हुए बिहार सरकार को अपने निशाने पर लिया है।
“लालू -नीतीश क्यों नहीं दिला पाए विशेष दर्जा“
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष राज्य के मुद्दे पर वही कहा, जो वित्त आयोगों की राय थी। उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद और नीतीश कुमार केंद्र में ताकतवर मंत्री थे, तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिला पाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को 1.40 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के रूप में जो सहायता दी, वह विशेष दर्जा से अधिक लाभकारी है। राज्य सरकार विशेष पैकेज की योजनाएं लागू करने के लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा पाई।
“विफलता पर पर्दा डालना चाहते हैं नीतीश“
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर तत्कालीन वित्त मंत्री चिदम्बरम ने विशेष राज्य के मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप बनाया था और रघुराम राजन कमेटी ने भी इस पर विचार किया था। ग्रुप और कमेटी, दोनों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग स्वीकार नहीं की। 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट ने तो विशेष राज्य की अवधारणा को ही खारिज कर दिया। वित्त मंत्री ने यही बात दोहरायी। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों की अनदेखी कर नीतीश कुमार का बार-बार विशेष राज्य की मांग करना अपनी विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश है।