बिहार में कुढ़नी विधान सभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है। जिसके लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होनी है। महागठबंधन की तरफ से जेडीयू के उम्मीदवार मानोश कुशवाहा चुनावी मैदान में उतरे गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार 2 दिसंबर को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुढ़नी जाकर चुनाव प्रचार करेंगे। इससे पहले हुए मोकामा और गोपालगंज के उपचुनाव में वो प्रचार करने के लिए नहीं गए थे। इन दोनों ही जगहों पर महागठबंधन की तरफ से राजद के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।
कुढ़नी में नीतीश कुमार के चुनावी प्रचार में जाने की बात सामने आने के बाद से अलग-अलग तरह की सियासी बहस छिड़ गई है। इसी में से एक बहस इस बात पर छिड़ी हुई है की चुकीं मोकामा और गोपालगंज में राजद के उम्मीदवार थे इसलिए नीतीश कुमार प्रचार करने नहीं गए। कुढ़नी में जेडीयू का उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा इसलिए वो प्रचार करने जा रहे हैं। लेकिन आखिर इसके पीछे की असल वजह क्या है उसके बारे में विस्तार से समझाने की जरुरत है।
जगदानंद सिंह का हटना तय, शिवानंद तिवारी ने बताई वजह
पिछले उपचुनाव से दूरी बनने की वजह
नीतीश कुमार ने राजद के साथ तो हाथ मिला लिया है। लेकिन राजद के नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह से उनकी तनातनी जगजाहिर है। जब से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मोकामा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनी थी तभी से नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार करने जाने को लेकर ख़बरें तेज हो गई थी। पर नीतीश कुमार ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर मोकामा के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हुए थे। वहीं गोपालगंज के शराब व्यवसायी राजद उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता चुनाव लड़ रहे थे। यही कारण माना जा रहा कि नीतीश कुमार वहाँ भी प्रचार करने नहीं गए।
प्रचार में ना जाने को जानकर नीतीश कुमार की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताते हैं। दरअसल नीतीश कुमार अनंत सिंह और एक दागी छवि वाले व्यक्ति के लिए प्रचार करने से खुद को बचाना चाहते थे। यहीं कारण था कि वो मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में प्रचार करने से दूरी बना ली थी।