बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक तरफ जहां मीडिया से दूरी बना रखी है तो वहीं दूसरी तरफ उनके कार्यक्रमों में स्थानीय नेताओं को भटकने तक नहीं दिया जा रहा है। जहानाबाद में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचे स्थानीय विधायकों को मिलने देना तो दूर उन्हें सीएम के पास भटकने भी नहीं दिया गया।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सोमवार को पटना-गया-डोभी फोरलेन पर कनौदी गांव के पास रेलवे लाइन के ऊपर बने पुल का निरीक्षण करने के बाद फोरलेन के बगल में सदर प्रखंड के कल्पा पंचायत के कल्पा गांव में कई कार्यक्रमों का उद्घाटन शिलान्यास एवं निरीक्षण करना था। इस कार्यक्रम में विधायक को बुलाया तो गया था लेकिन उन्हें सीएम नीतीश से मिलने नहीं दिया गया।
जहानाबाद सदर के स्थानीय राजद विधायक कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव और घोसी से भाकपा माले से विधायक रामबली यादव गुलदस्ता लेकर सीएम से मिलने पहुंचे थे। दोनों विधायक मुख्यमंत्री का स्वागत करने के साथ ही उन्हें कुछ आवेदन देना चाह रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री के सुरक्षा गार्ड्स ने दोनों विधायकों को उनके पास भटकने तक नहीं दिया।
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दरअसल घोसी विधानसभा के माले विधायक रामबली सिंह यादव मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में अपनी दस सूत्री मांग पत्र सौंपने जहानाबाद पहुंचे थे, जहां उनका कहना है कि सीएम के अंगरक्षक के जरिए उनके साथ धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार किया गया, इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री की मंशा क्या है। रामबली यादव ने कहा कि चिलचिलाती धूप में कल्पा गांव के सैकड़ो की संख्या में महादलित परिवार मुख्यमंत्री से अपना दुखड़ा सुनाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन मुख्यमंत्री उनकी तरफ देखना भी मुनासिब नहीं समझा सभी महादलित परिवार के लोगों को उनके घर में कैद कर दिया गया था। इतना ही नहीं जब हम भी मांग पत्र सौंपने गए तो मुझे भी वहां से धक्का देकर बाहर कर दिया गया।