केंद्र सरकर ने कट्टरवादी इस्लामिक संगठन पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। हाल के दिनों में पीएफआई के उपर लगातार छापे पड़े। बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया। मिली जानकारी के अनुसार PFI का कनेक्शन टेरर फंडिंग से जुड़ा है। जिसके बाद उसपर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया। अब इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है। JDU कोटे से मंत्री बने जमा खान ने कहा है कि PFI को इस तरह बैन करना अनुचित है। वहीं दूसरी ओर अजमेर दरगाह के प्रमुख ने PFI [पर बैन लगाए जाने को सही बताया है।
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“किसी भी संगठन को ऐसे बैन करना ठीक नहीं है”
बिहार सरकार में मंत्री जमा खान ने PFI को बिन किए जाने को लेकर अटपटा बयान दिया है । उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन को इस तरह से बैन करना ठीक नहीं है। पहले उसकी जांच होनी चाहिए किसी एक को टारगेट करना कतई सही नहीं है। इस तरह से अचानक बैन किए जाने से गलत मैसेज गया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का नेतृत्व आपके हाथ में है इसका यह मतलब नहीं कि आपका जो मन करे वह आप कीजिएगा। जनता इसे देख रही है और 24 में इसका हिसाब होगा। इन लोगों का बस एक ही काम रह गया है इसको बंद कर दे उसको बंद कर दें।
देश तोड़ने वाले को देश में रहने का अधिकार नहीं-अजमेर दरगाह प्रमुख
अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि देश सुरक्षित है तभी हम सुरक्षित हैं। देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है। अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है या देश की शांति खराब करने की बात करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं है।