केंद्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न देने की बात साफ-साफ कह दी गई है। इसके बाद आए आम बजट में केंद्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष सहायता दी गई। इसके बाद से जदयू इस पर चुप हो गई। माना जाने लगा कि नीतीश कुमार ‘विशेष सहायता’ से खुश हो गए हैं। अब बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्म हो गई है। कल दिल्ली में संसद के बाहर बिहार महागठबंधन के सांसदों ने हाथ में तख्ती लेकर विशेष दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
अब बिहार कांग्रेस इसको लेकरआंदोलन करने के मूड में आ गई है। 12 अगस्त से आंदोलन की शुरुआत होगी। पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद डॉ अखिलेश प्रसाद ने कहा कि 12 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता संवाददाता सम्मेलन करेंगे। 13 और 14 अगस्त को बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे।
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अखिलेश सिंह ने कांग्रेस के शासनकाल में बिहार के साथ नाइंसाफी की बात को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि हमारे कांग्रेस के कार्यकाल में बिहार के साथ नाइंसाफ़ी हुई है लेकिन क्या हम लोग मांग नहीं करेंगे। अभी वर्तमान समय में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है। इसलिए हम लोग आंदोलन कर रहे हैं। नीतीश जी पहले भी मांग करते रहे हैं। इस बार बजट भाषण में भी उनकी पार्टी ने कई बार इसकी मांग की है। लेकिन अब पता नहीं क्यों चुप हो गए हैं।