कांग्रेस के दो विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरभ जो कल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे, कांग्रेस ने उनपर कार्रवाई करते हुए उन्हें निकाल दिया है। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि पूरे मामले में हम विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका डालेंगे कि तत्काल उन तीनो नेताओं का सदन से निष्कासन तो करें हीं, साथ हीं उनकी सदस्यता भी रद्द कर दी जाए। अहमद ने बताया कि तत्काल कांग्रेस पूरे मामले में विचार कर रही है। उनको कल ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
बता दें कि कल ही महागठबंधन को झटका लगा था जब राजद की संगीता कुमारी और कांग्रेस के मुरारी गौतम तथा सिद्धार्थ सौरभ ने अपनी अपनी पार्टी को अलविदा कह बीजेपी का दामन थामा था। ये सियासी ड्रामा विधानसभा में दोपहर के भोजन के बाद सामने आया, जब सदन में सत्र के दौरान राजद की संगीता कुमारी के अलावा मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरभ को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष) के पीछे विधानसभा में घुसते हुए देखा गया। सम्राट चौधरी ने उन्हें ऐसा करने का संकेत दिया, जिसके बाद तीनों विधायक सत्ता पक्ष की तरफ बैठ गए और सत्तारूढ़ NDA के विधायकों ने टेबल थपथपाकर सत्र में चल रही कार्यवाही का अनुमोदन भी किया। यह पूरा प्रकरण विपक्षी लोग भी देख रहे थे।
बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार के विश्वास प्रस्ताव वाले दिन तीन राजद विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी अविश्वास प्रस्ताव में हार गए थे, और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की नई एनडीए सरकार बनी थी। नीतीश कुमार ने सहयोगी के रूप में भाजपा के साथ, विश्वास मत जीता था।
उस दिन के बाद राजद ने भी चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव को अयोग्य ठहराने की मांग की है, जिनमें से किसी ने भी अब तक औपचारिक रूप से पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। अब नए घटनाक्रम में कांग्रेस के भीतर विद्रोह का ये पहला संकेत सामने आया है, जिसने विभाजन के डर से विश्वास मत से पहले अपने 19 विधायकों में से एक को छोड़कर सभी को हैदराबाद भेज दिया था। सिद्धार्थ सौरभ के बारे में कहा जाता है कि वे कांग्रेस के राज्य नेतृत्व से नाखुश थे। कांग्रेस जब अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर रही थी तो उन्होंने अपने बिक्रम निर्वाचन क्षेत्र में पहले से ही व्यस्त शेड्यूल का हवाला देते हुए बिहार छोड़ने से इनकार कर दिया था।
मुरारी गौतम की बात करें तो पिछले महीने नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ से अचानक बाहर निकलने और एनडीए में वापसी के बाद मुरारी गौतम ने अपना कैबिनेट स्थान खो दिया था। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने संवाददाताओं से कहा, ”जिन लोगों ने पाला बदल लिया है, उनका नाम इतिहास में गद्दार के रूप में दर्ज किया जाएगा।” यह पूछे जाने पर कि क्रॉसओवर (दल बदल) के पीछे क्या कारण हो सकता है, शकील अहमद खान ने कहा, “कोई भी गद्दार के दिमाग को नहीं पढ़ सकता है। हो सकता है कि कुछ प्रलोभन दिए गए हों। लेकिन, उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि क्या उन्हें अपनी वफादारी का सौदा करने के लिए जो कीमत मिली है, वह उन्हें लंबे समय तक कायम रखेगी।” इधर सिद्धार्थ सौरभ ने पलटवार करते हुए कहा, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे आश्चर्य है कि मुझ पर आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के साथ मेरा हमेशा ‘व्यक्तिगत समीकरण’ रहा है और ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मेरे मन में हमेशा से बहुत सम्मान’ भी रहा है।