राज्य के विभिन्न टोल प्लाजों पर ई-डिटेक्शन के माध्यम से कटे ऑटोमेटिक ई-चालान की राशि अब घर बैठे ऑनलाईन जमा कर सकते हैं। परिवहन विभाग ने आम लोगों की सुविधा के लिए एनआईसी के सहयोग से विभाग के वेबसाइट/पोर्टल पर ऑनलाइन पेमेंट की सेवा शुरु की है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि तकनीकी कारणों से टोल प्लाजों पर कटे ऑटोमेटिक ई-चालान का पैसा ऑनलाइन जमा नहीं हो पा रहे था, लेकिन अब यह समस्या समाप्त हो गई। मंगलवार से ऑनलाइन ई चालान की राशि जमा होने लगी है। इस सुविधा के शुरु होने से लोगों को अपने चालान का पैसा जमा करने में आसानी होगी और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा से लोग अपने चालान का पैसा घर बैठे जमा कर सकते हैं।
ई चालान की राशि जमा करने के लिए बना नया हेड
राज्य के विभिन्न टोल प्लाजों पर ई-डिटेक्शन के माध्यम से कटे ऑटोमेटिक ई चालान की राशि जमा करने के लिए नया हेड क्रियेट कराया गया है। परिवहन सचिव ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों को सुविधाजनक और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना है, और इस सुविधा के शुरू होने से हमें यह उम्मीद है कि लोगों को अपने चालान का पैसा जमा करने में आसानी होगी।
तीन तरह के उल्लंघनकर्ताओं पर कटा है चालान
राज्य के विभिन्न टोल प्लाज़ों पर स्थापित ई डिटेक्शन प्रणाली से वर्तमान में फिटनेस, बीमा और प्रदूषण फेल इन तीन तरह के उल्लंघनकर्ताओं का ऑटोमेटिक ई चालान कटा है। यह चालान राज्य के टोल प्लाजा पर एक दिन में एक ही बार कटेगा। निर्गत ऑटोमेटिक ई चालान की सूचना संबंधित वाहन मालिक के मोबाइल पर मैसेज के रुप में प्राप्त होगी।
17 हजार से अधिक वाहनों का कटा चालान
वाहन का फिटनेस, इंश्योरेंस और पॉल्यूशन फेल होने पर मोटरवाहन नियमावली के तहत विभिन्न टोल प्लाजों पर 7 अगस्त से 22 अगस्त तक कुल 17349 वाहनों का ई-डिटेक्शन के माध्यम से ऑटोमेटिक ई चालान निर्गत किया गया है।
ई चालान की राशि कैसे करें ऑनलाइन जमा
parivahan.gov.in/parivahan/ या echallan.gov.in/index/accused-challan)
पर जाकर ऑनलाइन जुर्माना राशि जमा कर सकते हैं। चालान नंबर या व्हीकल नंबर या डीएल नंबर इन तीनों में से किसी एक ऑप्शन के आधार पर ई चालान की राशि जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है।
चालान के उद्देश्य
- सड़क सुरक्षा: चालान का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
- बीमा: यह सुनिश्चित करना भी है कि वाहन मालिकों के पास वैध बीमा हो, जिससे दुर्घटना की स्थिति में वाहन मालिकों और पीड़ितों को आर्थिक सहायता मिल सके।
- प्रदूषण नियंत्रण: प्रदूषण नियंत्रण को बढ़ावा देना भी है, ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।
- फिटनेस : सड़क दुर्घटना में कमी लायी जा सके इसके लिए आवश्यक है कि सभी वाहनों का फिटनेस हो।