Kudhani Assembly Byelection 2022: बिहार के कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में महागठबंधन के मनोज कुशवाहा हार गए हैं। जी हां, नीतीश कुमार को भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद पहली बार झटका लगा है। अब तक के हुए उप चुनाव में महागठबंधन प्रदेश में सत्ता के साथ जीत दर्ज करती दिख रही थी।
पटना: बिहार में कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुआ उप चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा है। कांटे के मुकाबले में जदयू के मनोज कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा। महागठबंधन के सात दल एक तरफ रहे और दूसरी तरफ भाजपा के योगेंद्र प्रसाद गुप्ता। उन्होंने अपनी बेहतर छवि के जरिए क्षेत्र में अपनी पकड़ को बरकरार रखा। जीत गए। और, अगस्त 2022 में एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार को हार का सामना करना पड़ा है। नीतीश कुमार की चर्चा इसलिए, क्योंकि अब तक उप चुनावों में जीत का श्रेय उनके नेतृत्व को ही दिया जा रहा था। बोचहां उप चुनाव में जब भाजपा को हार मिली थी तो तमाम समीकरणों के सहारे 2024 की तस्वीर दिखाई जाने लगी थी। गोपालगंज और मोकामा उप चुनाव के परिणामों के आधार पर इसे बल दिया गया। लेकिन, कुढ़नी उप चुनाव ने महागठबंधन को आइना दिखा दिया है। कुढ़नी के परिणाम ने अब प्रदेश की राजनीति के गणित को बदल दिया है। अब चर्चा पिछले उप चुनावों पर गरमा गई है। गोपालगंज से लेकर मोकामा तक महागठबंधन की जीत के पीछे की सबसे बड़ी वजह एक ही दिख रही थी, वह थी उम्मीदवार राजद की ओर से आना। जैसे ही उम्मीदवारी जदयू की ओर से आई महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा।
जदयू के भीतर इस बात की चर्चा खूब होने लगी है। हालांकि, खुलकर कोई कुछ भी नहीं बोल रहा है। उप चुनाव अमूमनन शोर-शराबे से इतर होता है, लेकिन अब इस चुनाव के जीत-हार को लेकर भी राजनीति खूब होने लगी है। कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव को जदयू ने प्रतिष्ठा का विषय बना लिया था। सीएम नीतीश कुमार स्वयं मैदान में उतरे। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी गए। इनके अलावा प्रदेश जदयू के तमाम शीर्ष नेताओं ने कुढ़नी में कैंप किया। महागठबंधन से संबद्ध सभी दल अपनी पूरी ताकत झोंक दिए। इसके बावजूद महागठबंधन के पाले जीत नहीं आई। कारणों को तलाशा जाएगा। लेकिन, जो प्राथमिक सूचना निकल कर आ रही है। वह यह है कि कुढ़नी में महागठबंधन तो एकजुट दिखा, लेकिन वोटर एक पाले में नहीं आता है। मतलब संदेश काफी बड़ा है और उसको समझने की जरूरत है। सबसे बड़ा सवाल तो अब नीतीश कुमार के सामने है। सीएम नीतीश क्या राजनीति के सन्यास वाले पड़ाव की तरफ बढ़ रहे हैं? यह सवाल भी एक वर्ग से उठने लगा है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की पंक्तियों के जरिए रिजल्ट पर जो बात कही है, उसके भी अर्थ कई हैं।
कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव से लोकसभा चुनाव 2024 की लाइन खींचती दिख रही है। इसमें एक पाले भारतीय जनता पार्टी नजर आती है तो दूसरे पाले में जदयू कहीं नहीं दिख रही है। वहां पर केवल और केवल राजद ही दिखती है। सीधा सा अर्थ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में मुख्य मुकाबला भाजपा बनाम राजद होने जा रहा है। राजद जहां नहीं होगी, वहां मुकाबले तो कड़े होंगे, लेकिन जीत के लिए महागठबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश की सत्ता में तो नीतीश कुमार का चेहरा हो, या फिर तेजस्वी यादव हों, या लालू प्रसाद यादव। इन चेहरों के सहारे विधायकों को जीता कर विधानसभा तक पहुंचाने में तो महागठबंधन कामयाब हो रहा है। लेकिन, लोकसभा चुनाव का जैसे ही बिगुल फूंका जाएगा तो मामला एक बार फिर नरेंद्र मोदी बनाम अन्य हो जाएगा। इसमें भाजपा के पाले में एक बार फिर रामविलास पासवान की विरासत सहेजे चिराग पासवान खड़े नजर आते हैं। वे कुढ़नी में भाजपा से जुड़ते हैं और योगेंद्र प्रसाद गुप्ता की जीत हो जाती है। 2014 के लोकसभा चुनाव को याद कीजिए। कहीं, वैसी ही स्थिति एक बार फिर तो बनती नहीं दिख रही।
लोकसभा चुनाव वाली स्थिति में नरेंद्र मोदी के मुकाबले नीतीश कुमार कहीं खड़े होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। किडनी का ऑपरेशन करवाने के बाद लालू प्रसाद यादव के स्वस्थ होने की स्थिति में उनके नरेंद्र मोदी के मुकाबले खड़े होने की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, अभी महागठबंधन के सामने चुनौती प्रदेश की राजनीति में पीएम नरेंद्र मोदी के कद का नेता खड़ा करने की है। बात गुजरात में भाजपा की बड़ी जीत और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की वापसी की बिल्कुल नहीं करेंगे। बात केवल प्रदेश की राजनीति में लोकसभा के 40 सीटों के राजनीतिक गणित की है। इन सीटों पर उम्मीदवारों को खड़ा कर जिता लेने के लिए मुश्किल महागठबंधन के सामने है। दरअसल, अभी तक नरेंद्र मोदी के कद का चेहरा तैयार कर पाने में विपक्ष, तीसरा मोर्चा या दूसरा मोर्चा कामयाब होता नहीं दिख रहा है। यानी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार के परिप्रेक्ष्य में अभी तक किसी एक चेहरे पर सहमति बनती नहीं दिख रही है।