कल यानि 17 मार्च को विश्व निन्द्रा दिवस (World Sleep Day) मनाई जाएगी। लेकिन इससे पूर्व आज गुरुवार को डॉ. दिवाकर तेजस्वी के क्लिनिक, नेमा पैलेस एक्जीविशन रोड, पटना में पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पहल के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि “विश्व निन्द्रा दिवस” स्वस्थ मनुष्य जीवन के लिए नींद की अहमियता को समझाने और पर्याप्त नींद ना लेने से होने वाली बिमारियों तथा स्वास्थ्य और मष्तिष्क पर पड़ने वाले इसके बुरे प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
नींद पूरा न होने से होती है बीमारियां
उन्होंने बताया कि आज भारत की 15 से 60 प्रतिशत की आबादी अनिन्द्रा एवं अल्पनिन्द्रा की समस्या से जुझ रहा है। एक सामान्य व्यस्क व्यक्ति को 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। अनिन्द्रा एवं अल्पनिन्द्रा के कारण से मोटापा, मधुमेह, मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, चिडचिडापन, कार्यक्षमता में कमी शारिरिक एवं मानसिक थकावत जैसी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती है। डॉ. तेस्जवी ने बताया कि रात्रि के समय पर सोने एवं प्रातः काल जागने की दिनचर्या सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए सोते समय मोबाईल, टेलीविजन का उपयोग नहीं करना चाहिए। नियमित व्यायाम करनी चाहिए। देर रात्रि बेला में कॉफी, चाय नहीं लेनी चाहिए एवं कमरे के वार्तावरण को शांत रखनी चाहिए। यदि इसके वाबजूद नींद की समस्या हो तो चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।
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