BSSC पेपर लीक मामले को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। बता दें कि 23 दिसंबर को बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। जिसे दो पालियों में लिया गया था। लेकिन प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने के लगभग एक घंटा बाद ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। हालांकि इसके बाद EOU ने कार्रवाई करते हुए पेपर लीक में संलिप्त आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इन सब के बावजूद भी विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर हमलावर है। वही कभी नीतीश कुमार के खासमखास रहे RCP सिंह ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। RCP सिंह पेपर लीक मामले को लेकर सिस्टम की पोल खोलने में लगे हैं। उन्होंने पेपर लीक का पूरा मैकेनिज्म समझाया है।
BJP की सुर में सुर मिला रहे मांझी, कहा तेजस्वी के विभागों का हो बंटवारा
‘कमाई का धंधा है पेपर लीक‘
RCP सिंह ने कहा कि पेपर लीक बिहार के लिए बड़ी समस्या है। पेपर लीक को कुछ लोगों ने कमाई का धंधा बना लिया है। परीक्षा में दूसरे लोग बैठ जाते हैं और गलत तरीके से पेपर को लीक करा देते हैं। इससे ये बात साफ है कि बिहार के सिस्टम की पारदर्शिता खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि गलत काम करने वाले चाहे किसी भी जिले के हो, उनपर कार्रवाई करनी चाहिए। जांच एजेंसियों को गलत काम करने वालों का पता लगाना चाहिए।
साथ ही उन्होंने एक बड़ी मांग भी कर दी, उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जिन लोगों को भी नौकरी मिली है, उन पर भी क्लोज वॉच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार के पदाधिकारी ही नीतीश कुमार की फोटो लगाकर इस तरह के गलत कामों को बढ़ावा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ शराबबंदी को लेकर परेशान रहते हैं, उन्हें रोजगार जैसी अन्य समस्याएं नहीं दिख रही है।
‘सरकारी पदों के लिए तय है रेट‘
RCP सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार में सरकारी पदों के लिए रेट तय है। खुलेआम ये बात कही जाती है कि इस पद के लिए इतना पैसा देना पड़ेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी ये सारी बातें पता होगी। यदि उन्हें इस बारे में पता नहीं है तो ये साफ है कि सिस्टम पर उनकी पकड़ कमजोर हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि जब भी पेपर लीक का मामला सामने आता है तो जांच एजेंसियों को पूरी गहराई तक जाकर मामले की जांच करनी चाहिए। वरना आने वाले समय में ये सबके लिए काल साबित होगा।