पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमों पप्पू यादव के लिए आज एक बड़ी राहत की खबर आई है। पप्पू यादव को एक 30 साल पुराने मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है। पूरा मामला आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा हुआ है, जिसमें पप्पू यादव सहित 11 लोग आरोपी थे। जिन्हें आज कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव के कारण दोष मुक्त कर दिया है।
1993 का था मामला
जिस मामले में पप्पू यादव को बरी किया गया है वो यूपी के गाजीपुर स्थित शहनिंदा का है। जहां 1993 में विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव पर आचार सहिंता उल्लंघन करने का आरोप लगा था। मुहम्मदाबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी बीएन सिंह ने 8 नवम्बर 1993 को पप्पू यादव समेत 11 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में 6 गवाहों ने भी कोर्ट में गवाही दी। 30 साल पहले के इस मामले में आज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शरद कुमार चौधरी की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव के कारण पप्पू यादव सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया।