वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सामने आया है। बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को इस एक्सप्रेसवे के बिहार हिस्से को एलिवेटेड बनाने का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के पीछे मुख्य कारण पर्यावरण संरक्षण है।
योजना के अनुसार, अगर सड़क को जमीन पर बनाया जाता है तो करीब 70 हजार पेड़ों को काटना पड़ेगा। इनमें से अधिकांश पेड़ सौ साल से भी ज्यादा पुराने हैं और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पूरे विश्व में पेड़ों को बचाने पर बल दिया जा रहा है। इसलिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 70 हजार पेड़ काटने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। विभाग ने सुझाव दिया है कि इस क्षेत्र में एलिवेटेड सड़क बनाई जाए।
विभाग का मानना है कि अगर सड़क को एलिवेटेड बनाया जाता है, तो सिर्फ 1,000 पेड़ ही काटे जाएंगे। इस तरह से बड़ी संख्या में पुराने पेड़ों को बचाया जा सकता है। साथ ही, इस बदलाव से बिहार के विकास में भी कोई बाधा नहीं आएगी।
गौरतलब है कि वाराणसी से कोलकाता के बीच बनने वाले इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 626 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा। बिहार में यह कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिलों से होकर गुजरेगा। बिहार में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 159 किलोमीटर होगी