रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को पटना में अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा। पटना में लोक जनशक्ति पार्टी के दफ्तर के नाम पर अलॉट सरकारी बंगले पर पशुपति पारस का कब्जा था। सोमवार को पारस ने बंगला खाली कर दिया। इस बंगले को बचाने के लिए पारस ने हर जतन किया। पटना हाईकोर्ट में रिट दायर की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले ही बंगला रहने देने की याचिका खारिज कर दी थी।
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बता दें कि बिहार सरकार ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को पटना में ऑफिस के लिए सरकारी बंगला देने का प्रावधान किया हुआ है। 2005 में ही पटना एयरपोर्ट के पास व्हीलर रोड के एक नंबर बंगले को लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस के लिए राज्य सरकार की ओर से अलॉट किया गया था। बंगले का अलॉटमेंट दो साल के लिए होता है। हर दो साल के बाद सरकार अलॉटमेंट को और दो साल के लिए बढ़ाती है।
पिछले लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी ने किसी सीट पर चुनाव ही नहीं लड़ा। नतीजतन उनकी पार्टी में ना कोई विधायक रहा और ना सांसद, लिहाजा, उऩकी पार्टी की मान्यता समाप्त हो गयी। इसके बाद 13 जून 2024 को बिहार सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर आवंटित बंगले का अलॉटमेंट रद्द कर दिया था। भवन निर्माण विभाग ने बंगला खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया था।