एनडीए में सीट बंटवारे से नाराज़ पशुपति पारस ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ‘व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ नाइंसाफ़ी हुई है। इसके लिए मैं भारत सरकार के मंत्री पद से इस्तीफ़ा देता हूँ। उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी आज भी एक बड़े नेता हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ नाइंसाफ़ी हुई। इसके लिए मैं भारत सरकार के मंत्री पद से इस्तीफ़ा देता हूं।”
पशुपति पारस की नाराजगी और इस्तीफे पर बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय सिन्हा ने कहा कि किसी की कोई नाराजगी नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी सब को लेकर चलती है। हम सबका साथ और सबका विकास पर भरोसा करते हैं। भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व देश के प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं जिनके नेतृत्व में काम करने में लोगों को गर्व महसूस होता है और पूरा देश गौरवान्वित है यह सौभाग्य का विषय है।
विजय सिन्हा ने कहा कि पशुपति कुमार पारस को इंतज़ार करना चाहिए। उन्होंने दावा किया है कि एनडीए उनका सम्मान बरक़रार रखेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका सम्मान करते हैं। पशुपति पारस लंबे समय तक कबिनेट में मंत्री रहे हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि मोदी जी ने रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी के रूप में चिराग को नहीं बल्कि पशुपति पारस को आगे बढ़ाया। अब चिराग को भी मौका मिलना चाहिए। विजय सिन्हा ने कहा कि हम पशुपति पारस की इज्जत करते हैं और उन्हें पूरा सम्मान देंगे।
वहीं आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि पारस को ग़लतफ़हमी थी कि वे रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी हैं, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि उत्तराधिकारी बेटा होता है, भाई नहीं। हालांकि उन्होंने पारस के आरजेडी में शामिल किए जाने की उम्मीद पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
बता दें कि सोमवार को बिहार की सीटों का पार्टी के लिहाज से बंटवारा कर दिया गया। सभी 40 सीटों में से बीजेपी को 17 सीट, जेडीयू को 16 सीट, पांच सीट चिराग पासवान वाली लोजपा को और एक एक सीट उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी को दिया गया।