पटना : रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Paras) का पटना में सरकारी दफ्तर छिन गया है। पशुपति परस की अपनी पार्टी है। और वह केन्द्रीय मंत्री भी राज चुके हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पशुपति पारस को बिहार सरकार नई पार्टी कार्यालय आवंटित करेगी या नहीं। इसके जवाब में बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कानूनी हवाला दिया है।
बिहार सरकार के मंत्री जयंत राज ने कहा कि यह तो कानूनी बात है. उनकी पार्टी अगर राज्य की या राष्ट्रीय पार्टी रहेगी तो उन्हें कार्यालय दिया जाएगा. यह तो नियमाकूल बात है कि जिस पार्टी को राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, 6% पर्सेंट वोट रहता है, 5 या 6 विधायक रहता है, तीन सांसद रहता है तब उन्हें कार्यालय मिलता है. कोई भी पक्षपात नहीं किया जाएगा, कानून संवत काम किया जाएगा।
दरभंगा में एम्स के शिलान्यास पर तेजस्वी यादव का बड़ा खुलासा… कहा- सबूत भी देंगे
बता दें कि रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के निर्देश पर सरकारी आवास से दफ्तर खाली करने हेतु धीरे-धीरे सामान हटाया जा रहा है। आज ऑफिस खाली करने का अंतिम दिन था। पटना उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर को अपने फैसले में रालोजपा का वर्तमान कार्यालय को 13 नवंबर तक खाली करने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने भवन निर्माण विभाग को दो सप्ताह के भीतर रालोजपा को अलग से कार्यालय आवंटित करने का भी निर्देश दिया है जिसके आलोक में पार्टी ने 30 अक्टूबर को ही कार्यालय आवंटन हेतु अनुरोध पत्र विभाग को दिया है जिस पर अब तक किसी तरह का ध्यान नहीं दिया गया है।