चिराग पासवान और उनके चाचा और केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच राजनीतिक विरासत को लेकर जंग काफी समय से चल रही है। दोनों एक दूसरे के पर लगातार हमला करते रहते हैं। जब से चिराग पासवान बीजेपी के करीब आते दिख रहे हैं तब से पशुपति पारस ने उनपर हमला और तेज कर दिया है। पिछले दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब उनसे इस दौरान चिराग पासवान के NDA में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि एक जंगल में शेर और भालू रह सकते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि यदि चिराग NDA में शामिल होयते हैं तो उनका सबसे पहले स्वागत करेंगे। अब पशुपति पारस ने एक बार फिर नए अंदाज में विरासत पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी।
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हाजीपुर सीट को लेकर आमने-सामने
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से उनके बेटे और भाई में विरासत को लेकर उठापटक चला रही है। रामविलास पासवान की पार्टी भी दो धडों में बात गई है। एक धड़े का नेतृत्व चिराग के हाथ में है वही दूसरे का पशुपति पारस के पास है। पर बात यहीं खत्म नहीं हुई है। आने वाले चुनाव में सबसे बड़ा पेंच हाजीपुर सीट को लेकर फ़सने वाला है। जिसकी झलक आज पशुपति पारस के बयान में देखने को मिली। हाजीपुर की सीट पर चिराग के दावेदारी को लेकर पशुपति पारस से सवाल किया गया।
जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “चिराग पासवान अभी जमुई से सांसद हैं और आगामी चुनाव में भी वे वहीं से लड़ेंगे। वे हाजीपुर से कैसे चुनाव लड़ सकते हैं? मैं हाजी पुर का मौजूदा सांसद हूँ और 2024 में भी इसी सीट से चुनाव लडूंगा। चिराग पासवान अपने पिता रामविलास की संपति के वारिस हो सकते हैं, लेकिन उनका राजनीतिक वारिस मैं हूँ।”