पटना: आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को बिहार सरकार और प्रशासन ने टेंट सिटी बनाने से रोका। BPSC छात्रों के समर्थन में पिछले 11 दिनों से आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को प्रशासन निजी जमीन पर भी कैंप / टेंट लगाने नहीं दे रही है। 12 जनवरी 2025 को पटना में मरीन ड्राइव पर L&T कंस्ट्रक्शन कंपनी की साइट के बगल में एक निजी जमीन पर जन सुराज का कैंप लग रहा था, जिसे प्रशासन ने रोक दिया है और निजी जमीन पर भी कैंप नहीं लगाने दिया है।
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यह विवाद तब शुरू हुआ जब 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों के बाद परीक्षा को रद्द करने की मांग उठने लगी थी। जहां एक ओर बीपीएससी अभ्यर्थी विरोध कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भी इस मुद्दे को सरकार पर दबाव बनाने के रूप में उठा रहे थे। इस सियासी माहौल में जन सुराज के संरक्षक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने छात्रों के समर्थन में सत्याग्रह करने का एलान किया।
पिछले कई दिनों से गांधी मैदान में बिना प्रशासनिक अनुमति के आमरण अनशन पर बैठे पीके को पटना जिला प्रशासन ने कई बार नोटिस जारी किए थे, लेकिन जब उन्होंने इसका पालन नहीं किया, तो प्रशासन ने उन्हें गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद पीके को कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने शर्तों के साथ उन्हें बेल दे दी। हालांकि, पीके ने कोर्ट की शर्तों को मानने से इनकार किया और बेल लेने से मना कर दिया, जिसके बाद हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ और अंततः कोर्ट ने बिना शर्त उन्हें जमानत दे दी।
इसके बावजूद, पीके ने अपना सत्याग्रह जारी रखने का निर्णय लिया और अब वह पटना के मरीन ड्राइव इलाके में बड़े पैमाने पर सत्याग्रह की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने मरीन ड्राइव के पास खाली भूमि पर टेंट सिटी बनाने का कार्य शुरू करवा दिया था, लेकिन पटना जिला प्रशासन ने इसे अवैध करार देते हुए टेंट सिटी के निर्माण को रोक दिया। प्रशासन का कहना है कि इस निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी।