विवादों में घिरे पटना एम्स के कार्यकारी डायरेक्टर डॉक्टर जी.के पॉल को हटा दिया गया है। उनकी जगह अब देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय को पटना एम्स के कार्यपालक निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। डॉ. सौरभ के पास यह प्रभार तीन माह तक या तब तक रहेगा जबतक नए निदेशक की नियुक्ति नहीं हो जाती।
जी.के पॉल पर आरोप है कि गोरखपुर एम्स के अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए उन्होंने अपने बेटे का ओबीसी फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर संस्थान में एडमिशन कराया था। आरोप है कि डॉ जीके पॉल ने अपने बेटे ओरो पाल का नामांकन पीजी में माइक्रोबायोलॉजी में कराया। उन्होंने अपने बेटे का नामांकन ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के लिए आरक्षित सीट पर कराया, जिसके लिए अपने बेटे का नॉन क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र पटना के दानापुर एसडीओ कार्यालय से बनवाया।
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दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉ जीके पॉल को हटाए जाने से जुड़ा आदेश आज मंगलवार को जारी किया है। डॉ जीके पॉल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है। डॉ जीके पॉल के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद इस साल 4 सितंबर को मंत्रालय ने एक जांच कमेटी का गठन किया था। इस जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट 27 सितंबर को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी थी।