बिहार में जल्द ही जातिगत जनगणना की शुरुआत होने वाली है। इसके लिए तैयारी अभी से ही शुरू हो गई है। एक चौकाने वाला मामला पालीगंज से सामने आ रहा है। जहां जातिगत जनगणना के लिए प्रशिक्षण व प्रगणकों की सूची में ऐसे शिक्षकों का नाम जोड़ा गया है, साथ ही ड्यूटी सौंपी गई ही जिनकी मृत्यु हो चुकी है। वही कुछ रिटायर हो चुके है, एवं कुछ मातृत्व अवकाश पर हैं या फिर कुछ लोग पूर्व में त्यागपत्र सौंप चुके है। हैरानी की बात तो यह कि इस गणना के लिए विकलांग शिक्षकों को भी कार्य सौंपा गया है। वही कुछ ऐसे शिक्षक है जिनका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है।
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शिक्षा पदाधिकारी की आनाकानी
जब से यह मामला सामने आया तब से पदाधिकारी आनाकानी करने लगे है। वह अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने लगे है। जहां BDO संजीव कुमार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से सूची भेजनी बात कर रहे है। वही दूसरी ओर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सूची भेजने से इनकार कर रहे हैं।
शिक्षकों के नाम
1. प्रीति कुमारी, मध्य विद्यालय नोनियाचक, मातृत्व अवकाश
2. गौरीशंकर कुमार, मध्य विद्यालय कर्णपुरा, त्यागपत्र
3. प्रभा देवी, मध्य विद्यालय हबसापुर, मृत
4. कृष्ण बल्लव कुमार, मध्य विद्यालय चंढोस, विकलांग
5. गणेश कुमार मध्य विद्यालय बीबीपुर, विकलांग
जनगणना के लिए DM कर रहें निरीक्षण
जनगणना पर पटना के DM डॉ चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि इस गणना में आर्थिक स्थिति का भी जायजा लिया जाएगा। साथ ही बिहार के निवासी, जो किसी वजह से राज्य या देश से अस्थायी प्रवास की स्थिति में होंगे उनकी भी गणना होगी। इसके लिए जिले में 11 सेल का गठन किया गया है। पटना डीएम ने मंगलवार को जाति गणना की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
7 जनवरी से शुरू हो रहा जनगणना
बताते चले कि जातिगत जनगणना की पहले चरण की शुरुआत 7 जनवरी से होने वाली है जो 21 जनवरी तक चलेगी। इसे लेकर DM ने बताया कि पहले चरण के जनगणना में मकान की गिनती व संक्षिप्त गृह पंजी तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही डीएम ने सभी SDO को अपने क्षेत्र में जाति गणना की नियमित मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया है। दूसरे चरण चरण एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा। दोनों चरणों में पूरे बिहार की जाति आधारित गणना पूरी कर ली जाएगी। मई 2023 तक पूर्ण कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।