दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद पटना प्रशासन भी सख्त है। पटना के कोचिंग में पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने के दौरान कोचिंग संचालकों में हड़कंप मच गया। इसके बाद पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की। पटना डीएम ने बैठक के बाद बताया कि आज पटना जिले के कोचिंग संस्थान उनके प्रतिनिधि के साथ बैठक की। जो अपेक्षाएं हम लोगों ने उनको बताएं हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जो जरूरी चीज हैं उसका अनुपालन किया जाए और जिनका निबंधन नहीं है उनको एक महीने का समय दिया गया है।
निबंध के लिए जो क्राइटेरिया है वह उनको बताए गए हैं। अग्नि सुरक्षा की व्यवस्था, एग्जिट गेट की व्यवस्था, स्टूडेंट के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था, जितने स्टूडेंट के बैठने की व्यवस्था है उतने ही स्टूडेंट का बैच बनाया जाए, एक स्टूडेंट के लिए एक वर्ग मीटर की जगह बैठने के लिए होनी चाहिए। इंस्पेक्शन में उसके वायलेशन की खबरें आ रही है। 1 महीने के भीतर कोचिंग संस्थानों को सुधार करने का समय दिया गया है। वहीं कोचिंग संस्थानों की ओर से भी बताया गया है कि रजिस्ट्रेशन में विलंब की समस्या है। साप्ताहिक बैठक कर इन समस्याओं को दूर किया जाएगा। फायर सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट मिलने में भी विलंब की समस्या है, उसको लेकर जिला फायर ऑफिसर को निर्देशित किया गया है। दो हफ्ते के भीतर फायर ऑडिट सर्टिफिकेट देने को सुनिश्चित किया जाए।
जांच में ओवरक्राउडेड की सूचना आई है। निकलने और प्रवेश करने का एक ही गेट है। बेसमेंट में कोई कोचिंग संस्थान लाइब्रेरी नहीं चलने का निर्देश दिया गया है। यह जांच जारी रहेगी और एक माह में अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाएगा। जो अनुपालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सभी कोचिंग संचालकों ने संकल्प लिया है कि किसी तरह की अप्रिय घटना पटना जिले में ना हो।