दूसरी शादी के बाद पेंशन की हकदार कौन सी पत्नी होगी इसे लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) ने एक अहम निर्णय सुनाया है। पटना हाइकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने विभाग से अनुमति लिए बिना दूसरी शादी करता है, तो उसकी दूसरी पत्नी पेंशन एवं अन्य लाभ की हकदार नहीं होगी। इस मामले में कोर्ट ने ये भी माना कि दूसरी पत्नी के बच्चे आनुपातिक लाभ के हकदार हैं, लेकिन इस मामले में नागेंद्र सिंह की दूसरी पत्नी से हुईं दोनों बेटियों की शादियां हो चुकी हैं। ऐसे में पटना हाई कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखते हुए पेंशन को लेकर दूसरी पत्नी बेबी देवी की याचिका खारिज कर दी।
दरअसल, मामला बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर से जुड़ा है. जानकारी के मुताबिक मासिक श्रमिक के रूप में कार्यरत नागेंद्र सिंह की मृत्यु 2020 में हुई थी। जिसके बाद स्व. नागेंद्र सिंह की दूसरी पत्नी बेबी देवी ने पेंशन को लेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने वित्त विभाग के एक प्रस्ताव के आलोक में कहा कि यदि किसी अधिकारी की एक से अधिक विधवाएं जीवित हों, तो पेंशन का भुगतान बराबर हिस्से में किया जाएगा। लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश हरीश कुमार की एकलपीठ ने दूसरी पत्नी बेबी देवी द्वारा पेंशन की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया।
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याचिका का विरोध करते हुए अधिवक्ता आरके शुक्ला एवं प्रत्युष प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया कि पेंशन एवं अन्य लाभ के भुगतान को लेकर पहली पत्नी समुंदर देवी ने भी पूर्व में हाइकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। 2023 में न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए विश्वविद्यालय को आदेश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि कर्मचारी ने दूसरी शादी करने से पहले विश्वविद्यालय से अनुमति ली थी या नहीं। यदि यह पाया जाता है कि दूसरी शादी की अनुमति नहीं ली गई है तो पहली पत्नी ही पेंशन एवं अन्य लाभ की हकदार होगी। विश्वविद्यालय ने जून 2024 में साक्ष्य के आधार पर पहली पत्नी के हक में फैसला देते हुए उसे सभी लाभ का हक़दार माना। इस बीच दूसरी पत्नी ने कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर विश्वविद्यालय के फैसले को चुनौती दी।