पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पटना स्थित उनके पार्टी (आरएलजेपी) कार्यालय को भवन निर्माण विभाग ने 7 दिनों के अंदर खाली करने का नोटिस दिया था। इस पर पार्टी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। अब मंगलवार (29 अक्टूबर) को कोर्ट ने पार्टी को 15 दिनों का समय देते हुए 13 नवंबर तक स्टे लगा दिया है।
न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की खंडपीठ में मंगलवार को लंबी बहस चली, जिसमें भवन निर्माण विभाग की ओर से एडवोकेट पीके शाही और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के वकील आशीष गिरी एवं वाई बी गिरी ने दलील रखी। अंत में कोर्ट ने यह निर्णय लेते हुए 13 नवंबर तक स्टे ऑर्डर दे दिया।
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बता दें कि भवन निर्माण विभाग (बिहार सरकार) के संयुक्त सचिव सह सक्षम प्राधिकार संजय कुमार सिंह की ओर से 22 अक्टूबर 2024 की तारीख में एक पत्र जारी हुआ है। पत्र पशुपति कुमार पारस के पटना स्थित कार्यालय के गेट पर भी लगाया गया था। इसमें पशुपति पारस की पार्टी को कहा गया है कि सात दिनों में भवन (कार्यालय) खाली कर दें। अगर सात दिनों में खाली नहीं किया जाता है तो बलपूर्वक खाली कराया जाएगा।