Patna News बारिश शुरू होते ही डेंगू का खतरा मंडराने लगा है. पटना में बीते दो साल से डेंगू अपना रिकार्ड तोड़ रहा है. सीजन में डेंगू के चार हजार के आसपास मरीज चिह्नित किये जाते रहे हैं. इधर स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया विभाग को अलर्ट कर दिया है. मलेरिया विभाग की टीम ने शहरी क्षेत्र के उन 16 मुहल्लों को डेंगू को लेकर अति संवेदनशील घोषित किया है, जहां हर साल सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिलते हैं. इन मुहल्लों में माॅनसून के दस्तक के साथ ही लार्वा का सर्वे शुरू कर दिया गया है.
सिविल सर्जन डॉ मिथलेश्वर कुमार ने बताया कि जिले में अभी डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है. हालांकि, संवेदनशील इलाकों में कर्मचारियों को घर-घर जाकर पंपलेट बांटने के साथ ही लोगों को डेंगू के बचने के उपाये बताने का निर्देश दिया गया है. जल्द ही इन क्षेत्रों में रथ के माध्यम से जागरूकता अभियान शुरू कर दिया दिया जायेगा. मालूम हो कि पिछले साल जिले में डेंगू के 4200 से अधिक मामले आये थे, जिनमें से कुछ की मौत भी हुई थी.
पटना. डेंगू के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है. राज्य में पिछले वर्ष 20,224 केस की रिपोर्ट हुई थी. इस वर्ष जून माह तक राज्य में डेंगू के सिर्फ छह केस मिले हैं. इसे देखते हुए डेंगू रोकथाम और उसकी मॉनिटरिंग का निर्देश सिविल सर्जनों को दिया गया है. इसको लेकर विभिन्न अधिकारियों के बीच काम का बंटवारा भी किया गया.
इसमें राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रैपिड रिस्पांस टीम बना कर डेंगू के संदिग्ध मरीजों की जांच करने का निर्देश दिया गया है. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और प्रखंड स्तर के अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए पूरी तैयारी रखने का आदेश दिया गया है.