बिहार आर्ट थियेटर द्वारा आयोजित 107वीं अनिल कुमार मुखर्जी जयंती समारोह सह 32 वां पटना थियेटर फेस्टिवल का समापन शुक्रवार को हो गया। समापन समारोह में बिहार की लोकप्रिय नाट्यकार, साहित्यकार एवं रंगकर्मी ममता मेहरोत्रा एवं वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील बिहारी को अनिल कुमार मुखर्जी शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि कला संस्कृति एवं युवा विभाग में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के निदेशक वीरेंद्र प्रसाद रहे। उन्होंने कलाकारों का उत्साहवर्द्धन किया।
इस दौरान बिहार आर्ट थिएटर के अध्यक्ष आरएन दाश ने कहा कि बिहार आर्ट थिएटर कला प्रेमियों के लिए लगातार ऐसे प्रयास करता रहा है जो कला के विकास में योगदान दे सके। स्वर्गीय अनिल कुमार मुखर्जी की कला के प्रति सोच को जन जन तक पहुंचाने में बिहार आर्ट थिएटर व कलाकार सदैव जुटे रहते हैं। वहीं उपाध्यक्ष डॉ. निहोरा प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार आर्ट थिएटर ने इस फेस्टिवल की गरिमा को हमेशा से बरकरार रखा है।
बिहार आर्ट थिएटर के महासचिव कुमार अभिषेक रंजन ने कहा कि 14 जनवरी से इस फेस्टिवल की शुरुआत हुई थी। बिहार सरकार और एलआईसी का इस आयोजन में विशेष सहयोग मिला है। यह फेस्टिवल पद्मश्री स्व. रामचंद्र मांझी जी को समर्पित रहा। सात दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में हर दिन पटना के प्रमुख संस्थाओं ने भाग लिया। कुमार अभिषेक रंजन ने कहा कि हमारी कोशिश है कि कलाकारों और कला के लिए राज्य में एक बेहतर माहौल बने। इसके लिए हम रंगमंच के जरिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं।
‘बिन दुल्हन की शादी’ नाटक का मंचन
कालिदास रंगालय में 7 दिवसीय 32 वें पटना थिएटर फेस्टिवल के अंतिम दिन, बिहार आर्ट थिएटर की टीम द्वारा हास्य से भरपूर हिंदी नाटक ‘बिन दुल्हन की शादी’ का मंचन हुआ। जिसका दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। बिहार आर्ट थिएटर के संस्थापक अनिल कुमार मुखर्जी द्वारा लिखित एवं डॉ. सुभाष कृष्ण द्वारा निर्देशित नाटक बिन दुल्हन की शादी की कहानी एक ऐसे युवक प्रांजल की है जो शहर में रहकर पढाई कर रहा है। एक दिन उसके पिता उसका लव लेटर पकड़ लेते हैं, इसके बाद पिताजी ने 24 घंटे के अंदर प्रेमिका को पत्नी बनाने की शर्त रखी या उनकी पसंद की लड़की से शादी करने को कहा। प्रांजल की प्रेमिका शहर से बहुत दूर गई थी। इसलिए वो इस शर्त को पूरा नहीं कर सकता था। ऐसे में उसने अपने मित्र झंकार, प्रोफेसर पांच और लॉज मैनेजर के साथ मिलकर एक झूठी शादी रची, लेकिन अंत में पकड़ा गया।
अभिनेता शशांक कुमार, सूरज कुमार, प्रवीण कुमार, वीर कश्यप, विक्रांत गौतम एवं डॉ. सुभाष कृष्ण ने अपने अभिनय से दर्शको का जमकर मनोरंजन किया। नेपथ्य में विश्वनाथ कुमार, सोनू कुमार, उपेंद्र कुमार एवं राजकुमार शर्मा ने सहयोग किया। फेस्टिवल में बैट के महासचिव कुमार अभिषेक रंजन, अध्यक्ष आर.एन.दास, उपाध्यक्ष डॉ. निहोरा प्रसाद यादव, उपाध्यक्ष उज्जवला गांगुली एवं संस्थापक सदस्य सह अध्यक्ष दीपांकार मुखर्जी ने सभी दर्शको एवं नाट्य संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया।