पटना विमेंस कॉलेज के जन संचार विभाग में आज यानि शुक्रवार को गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसका विषय “कॉमबैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स इन डेवलपमेंट सेक्टर” रखा गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अम्बेदकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली, की सहायक प्रोफेसर शिवांगी नाग थी। वही जन संचार विभाग की प्रमुख, रोमा ने शिवांगी नाग के संक्षिप्त परिचय के साथ सत्र की शुरुआत की। शिवानी नाग ने व्याख्यान के दौरान लैंगिक रूढ़िवादिता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
सत्र के दौरान उन्होंने विभिन्न विषयों पर ध्यान आकर्षित करते हुए जिन बिन्दुओं को केन्द्रित किया, वे हैं –
- सामाजिक विकृति जैविक विकृति के रूप में निर्धारक नहीं होनी चाहिए।
- हमें अपने मौलिक अधिकारों का आनंद लेने के लिए बुनियादी ढांचे की मांग का प्रसार करना चाहिए।
- उन्होंने सुरक्षा पर तीसरा ध्यान केंद्रित किया, जिसका मतलब घर पर रहना या कैद होना नहीं है। सुरक्षित होने का मतलब उस जगह या काम से है जिसे करते हुए हम सुरक्षित महसूस करते हैं”।
छात्राओं ने भी इस लेक्चर सेशन में पूछा सवाल
उन्होंने छात्रों को बताया कि कैसे विकास क्षेत्र भी पुरुष-महिला विभाजन के लिए जिम्मेदार है। यहां तक कि सामाजिक क्षेत्र की योजनाएं, जैसे कि आशा और उषा योजनाओं में महिलाओं को शामिल किया गया है, यह बहाना बनाकर कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक पोषण कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कैसे सुरक्षा के नाम पर महिलाओं की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जाता है। सत्र के अंत में छात्राओं ने प्रश्न और उत्तर काल में हिस्सा लिया जिसमें वक्ता ने छात्राओं के सवालों का बहुत उत्साहवर्धक उत्तर दिया और सराहा | सहायक प्राध्यापक, जनसंचार विभाग, दिव्या गौतम ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ सत्र का समापन किया। कार्यक्रम के दौरान विभाग के अन्य सहायक प्राध्यापक अजय कुमार झा, अंकिता, अपराजिता पाठक और गौरव अरण्य उपस्थित रहे।