बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल, PMCH के चाणक्य हॉस्टल में हाल ही में लगी आग के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस आगजनी के बाद मेडिकल छात्र अजय सिंह के कमरे से लाखों रुपये के जले हुए नोट, नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड, आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी की जली हुई ओएमआर शीट सहित अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे। अब, पुलिस ने आरोपी डॉक्टर अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई, लेकिन जब रूम की तलाशी ली गई, तो करीब 10-12 लाख रुपये के जले हुए नोट और अन्य संदिग्ध दस्तावेज मिले। इन दस्तावेजों में नीट-पीजी के एडमिट कार्ड और जली हुई ओएमआर शीट ने बड़े घोटाले की ओर इशारा किया। इसके बाद से ही पुलिस आरोपी अजय सिंह की तलाश में थी।
16 दिनों तक फरार रहने के बाद अजय सिंह गुरुवार को पीएमसीएच में ही काउंसलिंग के लिए पहुंचा। पुलिस को उसकी मौजूदगी की सूचना मिलते ही पीएमसीएच टीओपी प्रभारी ने उसे हथुआ वार्ड के पास से गिरफ्तार कर लिया।
पटना एसएसपी अवकाश कुमार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे। पुलिस ने अजय सिंह को पकड़ने के लिए वैशाली, समस्तीपुर, नालंदा और मुजफ्फरपुर में छापेमारी की थी। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एमबीबीएस और पीजी के पांच अन्य डॉक्टरों को भी रडार पर लिया है।
आगजनी के दौरान जब कमरे की तलाशी ली गई, तो निम्नलिखित चीजें बरामद हुईं:
- 10-12 लाख रुपये के जले हुए नोट।
- नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड।
- आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस का जला हुआ ओएमआर शीट।
- खाली चेक, जिनके बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
इस मामले ने पीएमसीएच और अन्य मेडिकल संस्थानों में बड़े घोटाले की आशंका पैदा कर दी है। पुलिस अब अजय सिंह के संपर्क में रहे अन्य डॉक्टरों और लोगों की जांच कर रही है। एमबीबीएस और पीजी के पांच डॉक्टर भी संदेह के घेरे में हैं। गिरफ्तारी से पहले अजय सिंह ने अपने वकील के जरिए पटना सिविल कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी। हालांकि, पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।