पटना शहर में 9 सितंबर को सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है। ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने परिवहन विभाग के नए नियमों का विरोध करते हुए एक दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है।
परिवहन विभाग द्वारा ऑटो और ई-रिक्शा को रूट और कलर कोड देने के फैसले से चालक नाराज हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला उनके लिए आर्थिक रूप से हानिकारक होगा। इस मुद्दे को लेकर सभी ऑटो और ई-रिक्शा संगठनों ने मिलकर एक संयुक्त मोर्चा बनाया है और हड़ताल का निर्णय लिया है।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के हितों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बनेगा।
हड़ताल के कारण शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। लोगों को अपने काम पर पहुंचने और अन्य जरूरी कामों के लिए काफी परेशानी होगी। स्कूली बच्चों को भी स्कूल पहुंचने में मुश्किल होगी।
परिवहन विभाग का कहना है कि यह नया नियम यातायात व्यवस्था को सुधारने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। देखना होगा कि सरकार और ऑटो-रिक्शा चालकों के बीच बातचीत का क्या नतीजा निकलता है। अगर दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं हुआ तो पटना शहर में परिवहन व्यवस्था लंबे समय तक प्रभावित रह सकती है।