पटना ; पटना के सबसे प्रतिष्ठित क्लबों में शुमार बांकीपुर क्लब का कल वार्षिक चुनाव होगा. कुल 11 निदेशकों के लिए 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. गत दिनों क्लब के सचिव गोपाल खेमका ने महेश अग्रवाल गुट से खड़े आशीष आदर्श का नोमिनेशन रद्द कर दिया था, जिसके बाद क्लब का माहौल गर्म था. इस पर आशीष आदर्श ने गोपाल खेमका पर प्रतिशोध में आकर गन्दी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि एक सचिव, जो स्वयं भी उक्त चुनाव में प्रत्याशी है, ने खुद रिटर्निंग ऑफिसर बन कर दूसरे ग्रुप के प्रत्याशी का नोमिनेशन कैसे रद्द कर दिया, क्योंकि नोमिनेशन भी चुनाव के प्रक्रिया का ही हिस्सा है और यह काम रिटर्निंग ऑफिसर का था, न कि किसी अन्य प्रत्याशी का. आशीष आदर्श ने यह भी कहा था कि जिन कारणों को आधार बना कर उनका नोमिनेशन रद्द किया गया, वे पूरी तरह अनैतिक, गैर-क़ानूनी और आधारहीन हैं, क्योंकि क्लब के बाई लॉ में इन का कहीं कोई प्रावधान ही नहीं हैं.
दरअसल चुनाव के मैदान में पहले दो गुट थे – महेश अग्रवाल का और गोपाल खेमका का. महेश अग्रवाल गुट में कुल 7 प्रत्याशी थे और गोपाल खेमका गुट में कुल 6 प्रत्याशी. आशीष आदर्श के नोमिनेशन रद्द होने के बाद अब महेश अग्रवाल गुट में कुल 6 प्रत्याशी रह गए. इनके अतिरिक्त एक स्वतंत्र प्रत्याशी सुभाष सिन्हा मैदान में थे. लेकिन इस बीच आशीष आदर्श विवाद होने पर खेल करते हुए गोपाल खेमका ने स्वतंत्र प्रत्याशी सुभाष सिन्हा को अपने खेमे में मिला लिया और अब उनकी संख्या 7 हो गई. कुल मिलाकर बांकीपुर क्लब का माहौल गर्म है.