बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहे छात्रों का प्रदर्शन बुधवार को हिंसक रूप ले लिया। गांधी मैदान में जुटे अभ्यर्थियों को हटाने के लिए पुलिस ने पहले पानी की बौछार की, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। पुलिस ने कुछ अभ्यर्थियों को डिटेन भी किया है।
प्रदर्शनकारी सुबह से ही पटना के गांधी मैदान में एकत्रित हो गए थे। जिला प्रशासन की अनुमति न मिलने के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र गांधी जी की मूर्ति के सामने धरने पर बैठे। शाम करीब पांच बजे छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया।
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और छात्रों का समर्थन किया। हालांकि, उन्हें जेपी गोलंबर के पास रोक दिया गया। प्रशांत किशोर ने कहा कि “नीतीश सरकार को झुकाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी। मुख्यमंत्री छात्रों से डरकर दिल्ली भाग गए हैं।”
देर शाम, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया। प्रशांत किशोर ने बताया कि छात्र प्रतिनिधि अपनी मांगें मुख्य सचिव के सामने रखेंगे। अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।
जेपी गोलंबर पर प्रदर्शनकारियों के डटे रहने के कारण पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया। अंतिम चेतावनी के बाद भी छात्र नहीं हटे, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस दौरान कई छात्र घायल हुए और कुछ को हिरासत में लिया गया।
छात्रों का आरोप है कि BPSC की परीक्षा में अनियमितता हुई है, जिसके कारण इसे पूरी तरह से रद्द किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया।