बिहार के दानापुर क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण दियारा क्षेत्र के सात पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हेतनपुर, पुरानी पानापुर, मानस, नवदियरी जैसी पंचायतों में गंगा का पानी सड़कों और खेतों में घुस गया है। स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
खतरे का निशान पार करने की आशंका: शुक्रवार को देवनानाला पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र चार फुट नीचे मापा गया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है।
आवागमन का एकमात्र साधन नाव: दियारा के ये गांव चारों ओर से गंगा नदी से घिरे हुए हैं। बाढ़ के कारण सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों के लिए दनापुर बाजार आने-जाने का एकमात्र साधन नाव ही बचा है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नाव से यात्रा कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की समस्याएं: बाढ़ के कारण स्थानीय लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनके घरों में पानी भर गया है, फसलें बर्बाद हो गई हैं और पशुओं को चराने के लिए जगह नहीं मिल रही है।
प्रशासन की तैयारियां: जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन ने नावों की व्यवस्था भी की है ताकि लोगों को आवागमन में सुविधा हो।
स्थानीय नेताओं की मांग: स्थानीय जदयू नेता संजय सिंह, युवा समाजसेवी सोनू यादव और पूर्व जिला पार्षद सदस्य ओम प्रकाश यादव ने जिलाधिकारी से दियारा में सरकारी स्तर पर नाव परिचालन शुरू करने की मांग की है।
विशेषज्ञों की राय: जल विशेषज्ञों का मानना है कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कई कारण हैं, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित शहरीकरण और वनों की कटाई। उन्होंने सरकार से स्थायी समाधान के लिए कदम उठाने की अपील की है।