पटना: बिहार में नये साल पर नक्सलियों का सफाया हो सकता है। यह संभावना स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एडीजी अमृतराज ने व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में नक्सली हिंसा में 72 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। एडीजी अमृतराज ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि बिहार के उत्तर क्षेत्र को नक्सल मुक्त कर लिया गया है। हालांकि, आठ जिलों में अब भी नक्सली गतिविधियां हैं। इनमें औरंगाबाद, जमुई, कैमूर, रोहतास, नवादा, मुंगेर और लखीसराय प्रमुख हैं।
बिहार-झारखंड सीमा पर नक्सलियों के ठिकानों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए पांच फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOBs) स्थापित किए जाएंगे। यह पहल नक्सली गतिविधियों को खत्म करने और इलाके में स्थिरता लाने में मदद करेगी। बड़े नक्सलियों की अवैध संपत्ति पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अब तक 32 नक्सलियों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है, और 14 अन्य नक्सलियों की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया जारी है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार ने कई विकासात्मक परियोजनाएं शुरू की हैं। इनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। विकास कार्यों का सकारात्मक प्रभाव नक्सली गतिविधियों में कमी के रूप में देखा जा रहा है। एडीजी अमृतराज ने कहा कि बिहार में नक्सलियों के सफाये का यह साल निर्णायक हो सकता है। नक्सली गतिविधियों पर कड़े प्रहार और विकास कार्यों के साथ प्रशासन इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।