पटना जंक्शन से 50 लाख रुपये के साथ पकड़े गए रामगढ़ के बजरंग ठाकुर मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एटीएस को जांच सौंपी है। सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए पैसे पांडेय गिरोह से जुड़े हो सकते हैं। संभावना है कि यह पैसा रंगदारी से वसूला गया हो। इस मामले में पुलिस को जानकारी मिली है कि पवन ठाकुर नामक व्यक्ति इस मामले में शामिल है और वह पांडेय गिरोह से जुड़ा हुआ है।
एटीएस की एक टीम पवन ठाकुर के घर पर छापेमारी कर चुकी है, हालांकि वह घर पर नहीं मिला। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। एटीएस की एक अन्य टीम पटना जाकर स्थानीय पुलिस से मामले की जानकारी जुटा रही है।
क्या है पूरा मामला?
गत शनिवार को पटना जंक्शन पर आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने बजरंग ठाकुर को 50 लाख रुपये के साथ पकड़ा था। पूछताछ में बजरंग ठाकुर ने बताया था कि यह पैसा पवन ठाकुर का है और वह इसे किसी अन्य व्यक्ति को देने जा रहा था।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें एक संगठित अपराध गिरोह का नाम सामने आया है। पांडेय गिरोह को रंगदारी और अन्य अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए जाना जाता है। इस मामले की जांच से यह पता चल सकता है कि यह गिरोह बिहार में कितना सक्रिय है और इसका अपराध जगत में क्या प्रभाव है।
आगे क्या होगा?
एटीएस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह पैसा कहां से आया था और इसे किसके लिए इस्तेमाल किया जाना था। साथ ही, पुलिस पवन ठाकुर को गिरफ्तार करने के लिए भी प्रयास कर रही है।