राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से संबंधित पटना के मामले में मो. रेयाज मोआरिफ उर्फ बब्लू के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। मोआरिफ पीएफआई के बिहार के राज्य उपाध्यक्ष थे।
क्या है आरोप ?
NIA की जांच से पता चला है कि रेयाज मोआरिफ पीएफआइ के बिहार के राज्य उपाध्यक्ष के रूप में सक्रिय थे. वे भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की संगठन की आपराधिक साजिश में शामिल था.केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन पीएफआइ के बैनर तले वे गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था. आरोपी मुस्लिम युवाओं को पीएफएल में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बना रहा था. उन्होंने उनके लिए हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था,हिंसक एजेंडे और गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए धन एकत्र कर रहा था.
पीएफआइ के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर रेयाज मोआरिफ ने आरोपी सनाउल्लाह, अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन खान के साथ मिलकर पीएफआइ कैडरों की भर्ती, प्रशिक्षण और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए अहमद पैलेस, फुलवारीशरीफ पटना में किराए के आवास की भी व्यवस्था की थी. सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर उन्होंने बिहार में पीएफआइ कैडरों के लिए अहमद पैलेस सहित कई हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए थे.
आरोपियों के पास से मिले थे पीएफआइ विजन डिक्यूमेट इंडिया 2047 टुवार्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया
एनआइए ने आरोपियों के पास से पीएफआइ विजन डिक्यूमेट इंडिया 2047 टुवार्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया, इंटरनल डॉक्यूमेंट: जो आमलोगों के बीच प्रचारित करने के लिये नहीं था और कई अन्य आपत्तिजनक लेख भी जब्त किए थे. जिसमें भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संगठन की साजिश खुलासा किया गया था.एनआइए ने इस मामले को 22 जुलाई 2022 को टेकअप किया था.मामले की जांच अभी भी चल रही है