पटना हाई कोर्ट ने पार्किंग विवाद में अमेजिंग इंडिया कॉन्ट्रैक्टर्स प्रा. लि. को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 15 नवंबर को पटना नगर निगम द्वारा जारी अनुबंध रद्द करने के आदेश को अंतरिम रूप से निलंबित कर दिया है। इस फैसले के तहत कंपनी अब अगली सुनवाई तक अनुबंध के तहत अपने कार्य जारी रखेगी।
कंपनी ने दी थी अनुबंध रद्द करने के आदेश को चुनौती
अमेजिंग इंडिया ने पटना हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर निगम के फैसले को चुनौती दी थी। कंपनी ने अदालत में तर्क दिया कि स्मार्ट पार्किंग के लिए निगम के साथ उनका अनुबंध 1 जून 2022 को पांच वर्षों की अवधि के लिए हुआ था। लेकिन निगम ने बिना कोई नोटिस दिए, अनुबंध रद्द करने का आदेश जारी कर दिया।
कंपनी की ओर से यह भी बताया गया कि इस प्रोजेक्ट में अब तक 5 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है। यदि अनुबंध रद्द करने का आदेश लागू हो गया तो कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ए. अभिषेक रेड्डी की एकल पीठ ने मामले पर नगर निगम को जवाब दाखिल करने का समय दिया और अनुबंध रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
“बिना नोटिस और सहमति के लिया गया फैसला”
अमेजिंग इंडिया की ओर से अदालत में दलील दी गई कि नगर निगम ने अनुबंध रद्द करने से पहले सशक्त स्थाई समिति और पर्षद दल से सहमति नहीं ली। यह कार्रवाई नियमों के विपरीत और अवैध बताई गई।
कंपनी ने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम ने उन्हें पिछले 15 महीनों से उनके कमीशन की राशि का भुगतान भी नहीं किया है। कंपनी ने इस तरह की एकतरफा कार्रवाई को निवेशकों के लिए हानिकारक और असंवैधानिक बताया।
नगर निगम से जवाब तलब
कोर्ट ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह मामले में अपना पक्ष रखने के लिए जवाबी हलफनामा दायर करे। इस अंतरिम आदेश से अमेजिंग इंडिया को फिलहाल राहत मिल गई है।