Patna News पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह सोमवार को राजस्व मामलों की समीक्षा बैठक की. अपनी बैठक में उन्होंने इ-म्यूटेशन, परिमार्जन, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन सहित विभिन्न मामलों में प्रगति का जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने बैठक से बिना सूचना के गायब धनरूआ के सीओ से शो-कॉज किया. इसके अलावा दाखिल-खारिज के निबटारे में सबसे खराब प्रदर्शन करनेवाले पांच सीओ से भी शो-कॉज करने का निर्देश भी उन्होंने अपर समाहर्ता राजस्व को दिया. इनमें पटना सदर, बिहटा, संपतचक, फुलवारीशरीफ, धनरूआ के सीओ शामिल हैं. डीएम ने सभी सीओ को 10 दिनों में लंबित मामलों के निबटारे में तेजी लाने का निर्देश दिया है. जिला स्तर से टीम बनाकर हर एक अंचल का निरीक्षण कराया जायेगा.
दाखिल-खारिज के 78,885 मामले लंबित
पटना जिले में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या 78,885 है. इनमें 30,135 आवेदन 21 दिनों से अधिक और 39,182 आवेदन 63 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं.150 से अधिक मामले अतिक्रमणवाद संधारित करने के लिए विभिन्न अंचलों में लंबित हैं. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दाखिल-खारिज व परिमार्जन के आवेदनों का समय सीमा के अंदर निष्पादन नहीं करने, नापीवाद व अतिक्रमणवाद का विधिवत संचालन नहीं करने पर दोषी अधिकारियों पर जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए अनुशासनात्मक व विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जायेगी. डीएम ने कहा कि अधिकारियों को अपने-अपने कार्यों में सुधार लाने के लिए 10 दिनों का समय दिया जा रहा है. अगर इसमें सुधार नहीं आया, तो दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों की साप्ताहिक समीक्षा की जायेगी. यदि कोई अनियमितता उजागर होती है, तो राजस्व कर्मचारी व सीओ पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि डीसीएलआर के न्यायालय कार्यों की समीक्षा की जायेगी.
आवेदन रिजेक्ट करने में बरतें सावधानी
डीएम ने कहा कि दाखिल-खारिज के आवेदनों को अस्वीकृत करने में विशेष सावधानी बरतें. सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें. जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत किया गया, वहां डीसीएलआर समीक्षा कर रिपोर्ट देंगे. 20 जून से आठ जुलाई तक दाखिल-खारिज के मामले में घोसवरी, बिहटा, फतुहा, बिक्रम व मोकामा ने अच्छी प्रगति की है.धनरूआ, मसौढ़ी, दानापुर, नौबतपुर व पंडारक का खराब प्रदर्शन रहा है. परिमार्जन के 97.07 प्रतिशत मामले का निबटारा किया गया. डीएम ने कहा कि खारिज-दाखिल व परिमार्जन में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी.