पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने म्यूनिख, जर्मनी में आयोजित “25वीं इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी” की बैठक से लौटने के उपरांत बताया कि अब एड्स के रोकथाम में एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है। लेनाकापाविर (Lenacapavir) की सुई, जिसे 6 महीने में केवल एक बार लेने की आवश्यकता होती है, एड्स के वायरस को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सकती है।
डॉ. तेजस्वी ने कहा कि लेनाकापाविर (Lenacapavir) की सुई एड्स के रोकथाम में एक मील का पत्थर साबित होगी। विदेशों में यह सुई पहले ही उपलब्ध हो चुकी है और अब इसे भारत में भी सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। यह सुई न केवल एड्स के रोगियों के उपचार में कारगर है, बल्कि एड्स से बचाव में भी अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुई है।
इस महत्वपूर्ण खोज से एड्स के खिलाफ लड़ाई में नई उम्मीद जगी है और भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में भी इस नवाचार को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। लेनाकापाविर की सुई से उपचार और बचाव दोनों ही क्षेत्रों में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे एड्स के मरीजों को एक नई जिंदगी मिलने की उम्मीद है।