पटना में हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिसके कारण लोग अब किलो के बजाय पाव में सब्जियां खरीदने को मजबूर हो गए हैं। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण मौसम में बदलाव और सब्जियों की आवक में कमी बताया जा रहा है। अधिकांश सब्जियां पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली से आ रही हैं। राजधानी की सब्जी मंडियों और फुटकर बाजारों में केवल एक सप्ताह के भीतर ही सब्जियों के दाम में 20 से 25 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हो चुकी है।
फुटकर बाजारों और मंडियों में सब्जियों के वर्तमान दाम इस प्रकार हैं:
- टमाटर: 80-100 रुपये प्रति किलो
- परवल: 40-50 रुपये प्रति किलो
- बोरा: 60-80 रुपये प्रति किलो
- करैला: 50-60 रुपये प्रति किलो
- नेनुआ: 40-50 रुपये प्रति किलो
- भिंडी: 60-80 रुपये प्रति किलो
- कद्दू: 30-40 रुपये प्रति किलो
- बैगन: 50-60 रुपये प्रति किलो
- कुंदरी: 30-40 रुपये प्रति किलो
- अरुई: 60-80 रुपये प्रति किलो
- आलू: 180-200 रुपये प्रति किलो
- प्याज: 220-250 रुपये प्रति किलो
- केला बतीसा: 50-60 रुपये प्रति दर्जन
प्याज के थोक कारोबारियों के अनुसार, प्याज की आवक घटकर एक चौथाई रह गई है, जबकि आलू की आवक में 60 प्रतिशत की कमी आई है। मंडियों में पहले 20-30 गाड़ी आलू की आवक हो रही थी, जो अब घटकर 60 प्रतिशत रह गई है। इसी प्रकार, पहले पटना की मंडियों में 20 गाड़ी प्याज की आवक हो रही थी, जो अब केवल 15 ट्रक रह गई है। गर्मी और बारिश के कारण प्याज की खराब गुणवत्ता भी कीमतों में वृद्धि का एक बड़ा कारण है।