बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के रामचरित मानस को लेकर दिए बयान पर सियासी कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है। वही दूसरी तरफ भारतीय जनता युवा मोर्चा(भाजयुमो) शिक्षा मंत्री के खिलाफ कानूनी रुख अख्तियार करने में लगा हुआ है। भाजयुमो ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के खिलाफ आज पटना के सिविल कोर्ट में याचिका दायर किया है। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिस तरह से शिक्षा मंत्री ने बयान दिया है उसे लेकर आज हमलोगों याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को माफी मांगना चाहिए नहीं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें अपने कैबिनेट से निकाल देना चाहिए।
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इस बयान से शुरू हुआ था विवाद
दरअसल 11 जनवरी को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि धार्मिक ग्रंथों ने समाज में जातिवाद का जहर फैलाया है। एक युग में मनुस्मृति ने जहर फैलाया। उसके बाद रामचरित मानस ने जहर फैलाया।इसके बाद गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स ने यही काम किया। साथ ही उन्होंने रामायण की एक चौपाई “अधम जाति में विद्या पाए,भयहु यथा अहि दूध पिलाए” का जिक्र करते हुए भी उससे आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा था कि इस चौपाई का मतलब ये है कि निचले जाती के लोग ज्ञान प्राप्त कर सांप के समान जहरीले हो जाते हैं। इसी बयान को लेकर विवाद बढ़ता चला गया लेकिन अपने इसी बयान पर वो आज भी कायम है।