पिछले महीने ही बिहार के सारण जिले के छपरा में जहरीली शराब कांड को लेकर काफी सनसनी मची हुई थी। सदन से लेकर सड़क तक बिहार सरकार का विरोध किया जा रहा था। लेकिन अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। छपरा जहरीली शराब कांड की जांच और पीड़ित परिवारों को मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दर्ज की गई है। इस याचिका को लेकर जनवरी में सुनवाई होने वाली है।
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SIT की जांच व मुआवजे की मांग
बता दें कि सारण में जहरीली शराब को लेकर करीब 70 से अधिक लोगों की मौ’त हो गई है। वही सरकारी आकड़ों के मुताबिक जहरीली शराब से 38 लोगों के मौ’त की पुष्टि की गई है। लेकिन अब मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा एवं SIT की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई है। जिसकी सुनवाई 9 जनवरी को होने वाली है। बताते चले कि याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में यह भी मांग की है कि बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकार पूरी सजग रहे. साथ ही बिहार में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर रोक सुनिश्चित करें।
जो पिएगा वो मरेगा- नीतीश कुमार
आपको बता दें कि जिस वक्त बिहार के सारण में शराबकांड हुआ था उस वक्त बिहार विधानसभा एवं लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा सत्र में विपक्षों द्वारा बिहार सरकार का खूब विरोध किया गया। विपक्ष द्वारा पीड़ित परिवारों के मुआवजा को लेकर कड़ी मांग कर रही थी। यहां तक कि यह मुद्दा लोकसभा में भी चला। लेकिन नीतीश कुमार ने सत्र के दौरान कहा था कि बिहार में शराब से मरने वालो को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा। अब मुआवजा ना देने को लाकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।