चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी जनसुराज यात्रा के दौरान दिए गए बयानों से खुब सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। जनसुराज यात्रा के दौरान वो बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों को ही अपने निशाने पर लिए हुए हैं। एक ओर वो बिहार सरकार को बिहार के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं। वही दूसरी ओर केंद्र सरकार पर बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगाते हैं। एक बार फिर से उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा हैं। एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि वो प्रधानमंत्री मोदी का झंडा उठाकर चल सकते है। लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी है।
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“मोदी ने बिहार के लिए एक बैठक भी नहीं की”
सिवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 2014 में मैं खुद नरेंद्र मोदी का प्रचार करता था। यूपी और बिहार के जिन लोगों ने मोदी का नाम भी नहीं सुना था वो भी आज मुझसे लड़ रहे हैं। वो कहते है कि मोदी के आने से पूरे भारत का विकास होगा। मतलब बिहार में भी विकास होगा। लेकिन बिहार का विकास हुआ है कि नहीं ये विचार करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी 9 वर्ष से देश के प्रधानमंत्री हैं। इन 9 वर्षों में नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए एक बैठक भी नहीं की है। यदि कोई मुझे बिहार के लिए किए गए एक बैठक के बारे में भी बता दे तो मैं मोदी का झंडा लेकर चलने के लिए तैयार हूँ।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि बिहार में 40 में से 39 एमपी जीता कर भेजा है, क्या इसके बाद भी हम एक बैठक के लायक नहीं हैं? मोदी जी को ये सोचना चाहिए कि देश का सबसे गरीब और पिछड़े लोगों ने जाति, धर्म से ऊपर उठकर उनके ऊपर भरोसा किया है। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों को कहा कि यदि इसके बाद भी आप लोग फिर से कमल का बटन दबाएंगे तो गलती नरेंद्र मोदी की नहीं बल्कि हमारी और आपकी है।