बिहार की राजनीति में इस वक्त पदयात्राओं का दौर चल पड़ा है। एक ओर चुनावी रणनीतिकार प्रधानत किशोर की जन सुराज पदयात्रा चला रही। वही आज में बिहार में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत जोड़ों यात्रा को हरी झंडी दिखने वाले हैं। इन पदयात्राओं के दौर में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हो गए हैं। आज से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की यात्रा पर निकल रहे हैं, जिसे समाधान यात्रा का नाम दिया गया है। इस यात्रा के ऐलान के बाद से ही बिहार की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष इस पदयात्रा पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहा है। वही प्रशांत किशोर इस यात्रा को लेकर जनता का मूड भांपने में लग गए हैं। वो समाधान यात्रा को लेकर एक ओपिनियन पोल कर रहे हैं।
“समधान यात्रा नहीं व्यवधान यात्रा पर निकल रहे नीतीश”
नीतीश की यात्रा का पर जनता का फैसला
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा में ज्यादा लोगों को जुड़ने का न्योता नहीं दिया गया है। जिसे लेकर नीतीश कुमार लगातार विपक्ष ओर उनके विरोधियों के निशाने पर बने हुए हैं। विपक्ष में बैठे भाजपा बार-बार ये प्रशन दाग रही है कि जब यात्रा में जनता से दूरी ही बनाना है तो ऐसी यात्रा का क्या मतलब है। भाजपा ने तो इस यात्रा को व्यवधान यात्रा ओर नीतीश कुमार की आखरी यात्रा तक बता दिया है। अब ठीक वही बात प्रशांत किशोर भी करने नजर आ रहे हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री अपनी 14वीं यात्रा पर निकल रहे हैं। महोदय 30-40 लाख जनसंख्या वाले ज़िलों की यात्रा परिसादनों में अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों और कुछ स्थानीय लोगो से मिलकर 4-5 घंटों में पूरा करेंगे। साथ ही उन्होंने अपने ट्वीटर के जरिए लोगों से ये पश्न भी पूछा कि “क्या आपको लगता है, नीतीश जी के इस यात्रा से लोगों को कुछ फ़ायदा होगा?” जवाब हाँ या नहीं में देने का विकल्प भी दिया है। जिपर लोगों की खुब प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
समाधान यात्रा
बता दें कि नीतीश कुमार की समाधान यात्रा आज यानी 5 जनवरी से पश्चिम चंपारण से शुरुआत होगी और 29 जनवरी को शेखपुरा में जाकर समाप्त होगी। नीतीश कुमार की 14 वीं बिहार यात्रा है। इससे पहले वो बिहार की 13 यात्राएं कर चुके हैं।