पिछले दिनों ही नवादा में अभ्रक माफियाओं के खिलाफ अभ्रख खदान पर छापा मारने गई थी। इस दौरान वन विभाग की टीम पर माफियाओं ने हमला कर दिया। इस हमले के बाद वन विभाग के कई कर्मी घायल हो गए थे। लेकिन अब मामले में फॉरेस्टर राजकुमार पासवान द्वारा रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें 30 नामजद एवं 90 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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बिहार- झारखंड के 17 लोग गिरफ्तार
यह कार्रवाई रजौली थाना अध्यक्ष दरबारी चौधरी के नेतृत्व में किया गया है।आपको बताते चलें कि गुरुवार को अवैध अभ्रक खनन करने की सूचना पर वन विभाग की टीम छापेमारी करने कुंभियातारी के जंगली में गई थी तभी अभ्रक माफियाओं के द्वारा वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था। जिसमें 3 अधिकारी समेत 8 लोग घायल हो गए थे। साथ ही वन विभाग की वाहन एवं दो बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जिसके बाद रजौली थाना प्रभारी दरबारी चौधरी ने की देखरेख में विशेष छापामारी की गई जहां बिहार-झारखंड के 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद अभ्रक माफियाओं में खलबली मच गई है। फिलहाल और लोगों की गिरफ्तारी के लिए रजौली थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी के नेतृत्व में छापेमारी की जा रही है।
पुलिस की तत्परता से बची थी रेंजर व फॉरेस्टर की जान
नवादा में बैठे डीएफओ संजीव रंजन को सूचना मिली कि रजौली वन क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जोड़ासिमर सुरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से अभ्रक के खनन के लिए जेसीबी मशीन चलाया जा रहा है। इसी सूचना के आलोक में रजौली में पदस्थापित रेंजर मनोज कुमार और फारेस्टर राजकुमार पासवान को छापेमारी के लिए वन विभाग के सिपाही के साथ भेजा गया। अधिकारी अपने सरकारी वाहन और दो बाइक से जंगल की तरफ निकल पड़े। उन्हें जाते-जाते शाम ढल गई। वन विभाग की टीम अभ्रक के अवैध उत्खनन में लगे जेसीबी को भी जप्त कर लिया। लेकिन उसे लाने के समय दर्जनों की संख्या में लाठी-डंडे और टांगी से लैस होकर महिला-पुरुष मारो मारों के शोर मचाते हुए इन लोगों को घेर लिया और बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी।