राजधानी पटना में चल रही सियासी उथल-पुथल से दूर शनिवार को पूर्णिया में राज्य भर के कांग्रेसी नेता जुटे. हालांकि, यह बैठक राहुल गांधी की 30 जनवरी को प्रस्तावित रैली की तैयारी को लेकर बुलायी गयी थी, लेकिन इसके बहाने सभी विधायकों को एक मंच पर लाने की भी कवायद की जा रही है. दोपहर बाद शुरू हुई इस बैठक में कांग्रेस के कुल 19 में से नौ विधायक ही पहुंच पाये थे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अखिलेश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि उनके सभी विधायक एकजुट हैं और कहीं कोई नहीं जा रहा है.
उन्होंने बताया कि पूर्णिया में विधायक दल की कोई बैठक नहीं बुलायी गयी थी. यह बैठक पहले से तय थी. तय कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी की 30 जनवरी को प्रस्तावित रैली की तैयारी को लेकर गठित 25 सदस्यीय कमेटी की बैठक बुलायी गयी थी. इनमें कई विधायक पहुंचे और कई पहुंचने वाले हैं. बिहार में चल रही सियासी उथल-पुथल के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो भी होगा, हमारे हक में होगा. कांग्रेस विधायक दल के नेता डाॅ शकील अहमद खान ने कहा कि रैली की तैयारी समिति की बैठक को विधायक दल की बैठक कहा जाना कहीं से उचित नहीं है.
पटना की गतिविधियों पर सभी की नजर
बैठक भले ही पूर्णिया में हो रही थी लेकिन सब की निगाहें पटना पर लगी हुई थीं. बिहार में तेजी से बदल रहे सत्ता समीकरण से करीब करीब सभी नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखायी पड़ रह रही थीं. पल-पल की खबरों पर हर नेता नजर रख रहे थे. कांग्रेस के दस विधायकों के टूटने की खबर से हर नेता बेचैन और परेशान नजर आ रहा था. अंदर खाने की बात है कि रविवार को पूर्णिया के एक बड़े होटल में सभी विधायकों के साथ बैठक होगी.
इन विधायकों ने की शिरकत
बैठक में जिन विधायकों ने शिरकत की उनमें भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा, किशनगंज विधायक इजहारुल हुसैन, औरंगाबाद विधायक राजेश राम, अररिया विधायक अबिदुर रहमान, खगड़िया विधायक क्षत्रपति यादव, कदवा विधायक शकील अहमद खां, मुंगेर विधायक समीर कुमार सिंह, जमालपुर विधायक अजय कुमार सिंह, मंत्री अफाक आलम शामिल हैं. दावा किया गया कि अन्य विधायक जल्द पहुंचने वाले हैं.