काफी लंबे समय से टलने के बाद अब जातिगत जनगणना की शुरुआत हो गई है। इस जनगणना के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दी गई थी। बावजूद इसके नीतीश सरकार ने इसे कराने का फैसला लिया। इस गणना के लिए राज्य सरकार अपने खाते से 500 करोड़ रूपए खर्च कर यह गणना करवा रही है। लेकिन बढ़ते सियासी खींचातानी के बीच अब विपक्षों को नीतीश कुमार पर निशाना साधने का नया मौका मिल गया है। एक ओर जहां नीतीश कुमार के समाधान यात्रा पर Politics चल रही थी। वही अब जातिगत जनगणना पर भी सियासी सरगर्मी तेज हो गई। इस कड़ी में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा कहां शांत रहने वाले है। उन्होंने जातिगत जनगणना पर भी नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने नीतीश कुमार के शराबबंदी और जातिगत जनगणना को फेल बताया है।
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लालू की राह पर चल रहे नीतीश
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा कि आजादी के 75 साल बीत गए लेकिन किसी ने जातिगत जनगणना की जरूरत नहीं समझी। केंद्र सरकार ने सभी तबका के लोगों के लिए दर्जनों कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण, लोहिया जैसे महान लोगों ने देश को जाति विहीन समाज बनाने का सपना देखा था। लेकिन नीतीश कुमार उस रास्ते को छोड़ जातिय उन्माद पैदा कर रहे है। वह लालू यादव के रास्ते चल रहे है। जिस तरह से लालू प्रसाद यादव ने जातिय नरहसंहार कराया ठीक वैसे ही नीतीश कुमार उसी राह पर आगे बढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि जैसे बिहार में शराबबंदी फेल है ठीक उसी तरह जातिगत जनगणना भी फेल होगी।
BJP की जाति गणना पॉलिटिक्स
नेता प्रतिपक्ष ने यहां तक सवाल कर दिया कि नीतीश कुमार जो पैसे इस गणना के लिए खर्च कर रहे है क्या उससे जनता को किसी तरह का लाभ मिल पाएगा। उन्होंने नीतीश पर तंज कर कहा कि BPSC, BSSC अभ्यर्थियों पर लाठियां बरसाई जा रही है। लेकिन नीतीश कुमार उसका समाधान ना निकाल कर जातिगत जनगणना करवा रहे है। वह इस जनगणना से समाज को एक दूसरे से लड़ाने के लिए जनगणना करवा रहे है। उन्होंने कहा कि अब जब बिहार मे विकास के गति को तेज करना है तो सत्ता के लिए फिर से राज्य में अशांति लाने की कोशिश कर रहे हैं।