जब ओबीसी आरक्षण को लेकर बिहार नगर निकाय चुनाव पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगाया है। तभी से इसे लेकर बिहार में खूब सियासत हो रही है। पक्ष विपक्ष दोनों एक दूसरे को आरक्षण विरोधी बताने में लगे हैं। अब राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट रिव्यू पिटिशन दाखिल किया है। जिसपर 19 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। रिव्यू पिटिशन दाखिल किए जाने के बाद से सियासत और भी तेज हो गई है। विपक्ष में बैठी बीजेपी राज्य सरकार पर हमला बोल रही है वही सत्ता पक्ष की तरफ से जेडीयू भी उसका भरपूर जवाब दे रही है। इसमें सबसे आगे कोई दो नेता हैं तो वो बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं।
देश के 50वें CJI होंगे डीवाई चंद्रचूड़, राष्ट्रपति ने लगाई मुहर
सुशील मोदी का वार
राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल किए जाने को लेकर को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी राज्य सरकार पर जम कर बरसे। सुशील मोदी ने साफ कहा है कि सरकार हाई कोर्ट जाएं या सुप्रीम कोर्ट कोई फायदा होने नहीं वाला है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि पटना हाईकोर्ट की जिस बेंच ने निकाय चुनाव पर रोक लगाई वह अपना ही फैसला क्यों बदलेगी? रिव्यू पिटिशन दाखिल करने का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते ही नहीं है कि नगर निकाय चुनाव हो। कल तक सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कराती थी फिर हाई कोर्ट क्यों गई?
ललन सिंह का पलट वार
सुशील मोदी के बयान पर पलट वार करते हुए ललन सिंह ने उन्हें निश्चिन्त रहने को कहा। ललन सिंह ने कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण व आरक्षण विरोधी लोगों द्वारा अतिपिछड़ों के लिए चिंता करना सिर्फ दिखावा है। उनके लिए बिना रिजर्वेशन सुनिश्चित किए नगर निकाय चुनाव नहीं होगा।