चुनावी रणनीतिकार लगातार जन सुराज पद यात्रा पर निकले हुए है। इस बीच प्रशांत किशोर बिहार के सारण में पहुंचे हुए है। PK ने राहुल गांधी की सदस्यता निरस्त किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही साथ उन्होंने भाजपा पर भी खूब तंज कसा है। इतना ही नहीं PK ने यहाँ तक कि कांग्रेस और भाजपा दोनों को नसीहत दी है।
राजनीति में ऐसा बयान चलता रहता है
प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की सदस्यता निरस्त किए जाने पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हुए मुझे ये लगता है कि 2 साल की सजा अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में इस तरह के बयान और टिप्पणी लोग एक दूसरे के खिलाफ देते रहते हैं। ये की नई बात नहीं है। भाजपा के लोगों को अपने नेता अटल जी की पंक्ति “छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता” याद करना चाहिए और बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
PK का कांग्रेस को नसीहत
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों को पता ही नहीं है कि वे किस लड़ाई में हैं। सिर्फ दिल्ली में संसद तक मार्च करने और ट्वीट करने भर से ये लड़ाई आप राजनितिक लड़ाई नहीं लड़ सकते। ये लड़ाई अगर आपको यानि कांग्रेस को लड़नी है तो आपको जमीन पर, गांवों में, सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कल मैं 20 किमी पैदल चला हूं, मुझे कांग्रेस का एक कार्यकर्ता नहीं मिला जो राहुल गांधी की सदस्यता पर गांवों में लोगों को बता रहा हो कि ये गलत हुआ है। जबतक विपक्षी दलों की लड़ाई चुनावी नतीजों में नहीं दिखेगी, तबतक कोई आपको गंभीरता से नहीं लेगा।
इस बयान को लेकर सुनाई गई सजा
दरअसल जिस मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई है और उनकी सदस्यता रद्द की गई है वो साल 2019 में उनके द्वारा दिए गए एक बयान से जुड़ा है। साल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘सभी चोरों का नाम मोदी ही क्यों होता है?’ इस बयान को लेकर भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानी केस दर्ज कराया था। इसी मामले में गुजरात के सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई है। हालांकि उन्हें बेल मिल गई हैं। उपरी अदालत में अपील करने के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया है।
इसी बयान का जिक्र चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कर रहे है। उनका कहना है कि राजनीति में ऐसा बयान अक्सर सुनने को मिलता है। यह कोई नई बात नहीं है। भाजपा चाहती तो इस सजा को कम कर सकती थी।