बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राजनीतिक बयानबाजी तेज हो रही है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे नीतीश कुमार का साथ देने को तैयार हैं, उनका समर्थन करने को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए प्रशांत किशोर ने एक शर्त भी रखी है। नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री बिना कागज देखे अपने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के नाम और उनके विभाग बता दें, तो वे अपना आंदोलन छोड़कर नीतीश के समर्थन में खड़े हो जाएंगे।
प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं। अब उनके मुख्यमंत्री बने रहने का केवल 8-10 महीने का समय बचा है। उन्हें एक अणे मार्ग का आनंद लेने दीजिए।” पीके ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मौजूदा स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बिहार जैसे बड़े राज्य का नेतृत्व कर सकें।
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से कहा कि “अगर वे अपने मंत्रियों के नाम और विभाग बिना कागज देखे बता दें, तो मैं अपनी पार्टी और आंदोलन छोड़कर उनके समर्थन में खड़ा हो जाऊंगा। लेकिन सच्चाई यह है कि वे ऐसा नहीं कर सकते।”
नीतीश कुमार पर यह हमला सिर्फ प्रशांत किशोर तक सीमित नहीं है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मुख्यमंत्री को “थका हुआ” बता चुके हैं। तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश कुमार पर उनके अपने मंत्री ही हावी रहते हैं और वे पूरी तरह से टायर्ड हो गए हैं। अब पीके ने भी इसी बात को दोहराते हुए सियासी हलचल बढ़ा दी है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी चुनावी तैयारियों में जुटी है। गंगा किनारे मरीन ड्राइव पर उनकी “टेंट सिटी” को लेकर भी चर्चा हो रही है, जिसे “जन सुराज आश्रम” कहा जा रहा है। यहीं से प्रशांत किशोर अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।