INDIA गठबंधन की बीते शनिवार को वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव आया था। जिसे नीतीश कुमार ने इनकार कर दिया। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर से मामले में पूछे गए सवाल पर इन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीतिक पारी ये अंतिम दौर चल रहा है। नीतीश कुमार को खुद ही नहीं मालूम कि वे क्या बनना चाहते हैं, कहां रहना चाहते हैं।
वो कभी एनडीए में, कभी यूपीए में, कभी कन्वीनर, तो कभी प्रधानमंत्री के दावेदार, ये उनके मन की खुशफहमी है कि पूरा देश चाहता है कि उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया जाए। आरजेडी का एक भी सांसद लोकसभा में नहीं है, लेकिन लोग उनसे पूछते हैं कि लालू जी या तेजस्वी जी बताइए कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। जब आपका एक भी सांसद नहीं है तो आप देश के प्रधानमंत्री को कैसे तय करेंगे।
मिट्टी पलीद होने से बचने के लिए पद लेने से किया मना
बेगूसराय के बछवाड़ा प्रखंड में प्रेस वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि जहां तक इंडिया का सवाल है, इंडिया में सबसे बड़ा दल कांग्रेस है, दूसरा सबसे बड़ा दल टीएमसी है, तीसरा सबसे बड़ा दल डीएमके है। तो नीतीश कुमार को संयोजक कैसे बना दिया जाएगा। नीतीश कुमार को स्वयं पता है कि वो नहीं बन सकते हैं। जो खानापूर्ति की गई उसमें बेइज्जती से बचने के लिए उन्होंने मना कर दिया। इससे पहले कांग्रेस ने अपना चेयरमैन बना दिया।
इंडिया के चार बड़े राज्यों के चार दल उस मीटिंग में शामिल ही नहीं हुए, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे मीटिंग में शामिल ही नहीं हुए। जो लोग शामिल हुए उसमें कांग्रेस से अपना चेयरमैन बना दिया और नीतीश कुमार को कहा कि आप कन्वीनर बन जाइए। तो नीतीश कुमार को इतना अनुभव तो है ही इसमें कुछ है नहीं, मिट्टी पलीद ही होना है। इसलिए उन्होंने मना कर दिया।