पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को अनकंडीशनल बेल मिलने के बाद रिहा कर दिया गया है। रिहाई के बाद प्रशांत किशोर ने इसे जनता की ताकत और सत्याग्रह की जीत बताया। उन्होंने कहा कि “यह जनता की आवाज, विश्वास और सत्याग्रह का फल है। पुलिस ने मुझे डिटेन किया, लेकिन हमने इसे नहीं माना। वे मुझे बेऊर जेल ले गए, लेकिन जेल में नहीं रख सके क्योंकि उनके पास पेपर नहीं था।”
प्रशांत किशोर ने बताया कि कोर्ट ने बहस के बाद साफ कर दिया कि गांधी मैदान में सत्याग्रह करना किसी कानून का उल्लंघन नहीं है। उन्होंने कहा कि “यह सत्याग्रह पूरी तरह कानूनी है और जनता की लोकतांत्रिक आवाज है।”
प्रशांत किशोर ने बताया कि एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें पुलिस के पेपरवर्क न होने के कारण भर्ती नहीं किया। इसके बाद फतुहा ले जाया गया, लेकिन वहां की डॉक्टर ने पुलिस के कहने पर फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई पुलिसकर्मी और डॉक्टरों ने उनकी लड़ाई और जन सुराज का समर्थन किया।
प्रशांत किशोर ने बीपीएससी परीक्षा में पेपर लीक को “हजार करोड़ का घोटाला” और “युवाओं के सपनों का सौदा” करार दिया। उन्होंने कहा कि “हम चुप नहीं रहेंगे। हम बीपीएससी परीक्षा के मुद्दे पर हाईकोर्ट में पुनः अपील करेंगे।” उन्होंने बिहार सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “लाठीतंत्र” को झुका कर रहेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका अनशन जारी है और आज भी उन्होंने पानी पर ही दिन बिताया। उन्होंने घोषणा की कि रात में युवा संघर्ष समिति की बैठक होगी, जिसमें अनशन के अगले स्थल का चयन किया जाएगा। हालांकि प्रशांत ने यह भी कहा कि “मामला तो गांधी मैदान में ही निपटाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग किया, उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ बीपीएससी परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि युवाओं के अधिकारों और बिहार के बेहतर भविष्य के लिए है।