बिहार की राजधानी पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड से प्रशांत किशोर ने अपने पार्टी की स्थापना कर दी है। अपने भाषण की शुरुआत प्रशांत किशोर ने जय बिहार के उद्घोष के साथ शुरू की। जवाब में उनके समर्थकों ने जय जय बिहार का उद्घोष किया। पटना के वेटरनरी ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में 2 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान जनसुराज ने जताया है। पूरे शहर में जनसुराज के पोस्टर लगे हैं और प्रशांत किशोर के नारे उनके समर्थक लगा रहे हैं। पार्टी के गठन से पहले प्रशांत किशोर का दावा है कि उनके साथ बिहार के 1 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं।
चुनाव आयोग से मिल गया है अप्रूवल
प्रशांत किशोर ने इस दौरान कहा कि बहुत दिनों से बात हो रही थी कि जनसुराज दल कब बनेगा। इस सवाल का जवाब यही है कि जनसुराज को चुनाव आयोग ने पार्टी बनने का अप्रूवल दे दिया है। प्रशांत ने कहा कि लोग यह भी पूछेंगे कि जनसुराज के स्थापना दिवस पर किस जाति के लोग आए थे। तो ये जान लें कि बिहार में अगड़े, पिछड़े, मुसलमान, दलित सब आए थे। यहां समाजवादी, वामपंथी, आरएसएस वाले, पांच टाइम नमाज पढ़ने वाले मुसलमान भी आए हैं। असली जनसुराजी वही है जो बिहार का पुराना गौरव फिर वापस लाने के लिए कोशिश करें। जनसुराज की विचारधारा महात्मा गांधी, टैगोर, बाबा साहब की तरह मानवता है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता ने जिस काम के लिए वोट दिया, वो काम पूरा हुआ है। शोषितों ने आवाज के लिए वोट दिया तो लालू यादव ने आवाज दिलवाई, चाहे विकास कुछ हुआ या नहीं। लोगों सड़क और बिजली के लिए वोट दिया तो नीतीश कुमार ने वो भी दिया, चाहे बिजली कितनी भी महंगी हो। आपने मंदिर के लिए वोट दिया तो वो भी मिला। लेकिन अब वक्त आ गया है कि आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट दें।
इस दौरान प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कहा कि जन सुराज की सरकार बनी तो एक घंटा में शराबबंदी हटाएंगे। विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बिहार में बनाने के लिए 5 लाख करोड़ रुपए चाहिए। शराब से आने वाला टैक्स का पैसा बजट में नहीं जाएगा। किसी और काम में नहीं लगेगा। बल्कि अगले 20 वर्ष बिहार में शिक्षा व्यवस्था के निर्माण में ही लगाया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों ने पिछले साल 4.61 लाख करोड़ जमा किया। जबकि ऋण मिला 1.68 लाख करोड़। बैंकों ने बाकि पैसा दूसरे राज्यों में भेज दिया। रिजर्व बैंक का आंकड़ा है कि बिहार के लोगों द्वारा 100 रुपए जमा करने पर 40 रुपए लोन मिलता है। जबकि गुजरात में यही आंकड़ा 90 रुपए है। लोन के तौर पर 70 प्रतिशत भी मिलने लगे तो बिहार में आर्थिक बदहाली नहीं रहेगी। इसलिए हम बैंकों को मजबूर करेंगे कि बिहार का पैसा यहीं दें।